Ayodhya Ram Mandir Movement: आगरा में कार सेवकों को एक माह तक यहां रखा गया था कैद
Ayodhya Ram Mandir Movement सेंट्रल जेल के सामने एक महीने से अधिक समय तक चला था लंगर। 100 रुपये चंदे से शुरुआत बाद में भर गए भंडार।
आगरा, जागरण संवाददाता। कारसेवकों को अयोध्या पहुंचने से रोकने के लिए सेंट्रल जेल के सामने अस्थायी जेल बनाई गई थी। यहीं पर उन्हें कैद करके रखा गया था। उनके भोजन, पानी की व्यवस्था स्वयंसेवकों ने संभाल रखी थी। यहां एक महीने से अधिक समय तक लंगर चला था, जिसमें सैकड़ों कारसेवक हर रोज भोजन करते थे। तब तमाम शहरवासी मदद को आगे आए थे।
भाजपा जिला इकाई के मीडिया प्रभारी राजकुमार पथिक वर्ष 1992 की कारसेवा के दौरान बजरंग दल के महानगर के सहसंयोजक थे। वह बताते हैं कि सेंट्रल जेल के सामने खाली मैदान में कारसेवकों के लिए अस्थायी जेल बनाई गई थी। केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा अन्य प्रदेशों से आने वाले कारसेवक यहीं से अयोध्या की ओर आगे बढ़ रहे थे। ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने उन्हें अयोध्या पहुंचने से पहले यहीं रोकने का काम किया। उन्हें पकड़कर अस्थायी जेल में रखा गया। ऐसे में सबसे बड़ा संकट कारसेवकों के भोजन का था। तब 100-100 रुपये चंदा करके लंगर शुरू किया गया। शहर के लोगों ने अपने हाथ आगे बढ़ाए। वह बताते हैं कि आटा, दाल, चावल की बोरियों के साथ-साथ घी के टीन इतने हो गए कि सीताराम मंदिर की दो कोठरियां भर गई थीं। कारसेवकों के शहर से विदा होने के बाद तक खाद्य सामग्री खत्म नहीं हुई। अंत में मंदिर पर भंडारा करना पड़ा था। सुनील पाराशर बताते हैं कि तब दिन-रात भोजन व्यवस्था का संचालन होता था। क्योंकि कारसेवकों के जत्थे अलग-अलग समय पर आते थे। ऐसे में इन सभी के भोजन का ध्यान रखना बड़ी जिम्मेदारी का काम था। बाद में कुछ कारसेवकों को घर तक पहुचंने के लिए कुछ धनराशि की भी व्यवस्था कराई गई थी। अधिकांश की जेबें खाली हो चुकी थीं। उनके भोजन, पानी की व्यवस्था स्वयंसेवकों ने संभाल रखी थी। तब तमाम शहरवासी मदद को आगे आए थे। शहर के बहुत लोगों ने कार सेवकों की मदद को हाथ आगे बढ़ाए थे।