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World AIDS Day: छूने से नहीं फैलता है एड्स, एचआइवी पॉजीटिव से न करें भेदभाव

विश्व एड्स दिवस पर आज आगरा जनपद में होंगे अलग-अलग जागरूकता कार्यक्रम। अछनेरा खेरागढ़ फतेहाबाद और आंवलखेड़ा सीएचसी पर कैंप लगाए जाएंगे। कैंप के दौरान पोस्टर बैनर और फ्लेक्स के माध्यम से लोगों में एड्स से बचाव के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 12:15 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 12:15 PM (IST)
आगरा में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से विश्‍व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के तत्वावधान में एक दिसंबर (मंगलवार) को विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार इसकी थीम 'वैश्विक एकजुटता साझा जिम्मेदारी' रखी गई है। आगरा जनपद में यह आयोजन अछनेरा, खेरागढ़, फतेहाबाद और आंवलखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा। इसमें जनपद स्तरीय गतिविधि के रूप में एचआईवी/एड्स और कोविड-19 के लिए जनजागरूकता स्टॉल लगाए जाएंगे।

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जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि अछनेरा, खेरागढ़, फतेहाबाद और आंवलखेड़ा सीएचसी पर एचआईवी/एड्स और कोविड-19 से बचाव और जागरुकता के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके लिए आईसीटीसी केंद्र पर कार्यरत काउंसलर एवं लैब टेक्नीशियन (एलटी) को विश्व एड्स दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है। कैंप के दौरान पोस्टर, बैनर और फ्लेक्स के माध्यम से लोगों में एड्स से बचाव के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी। कैंप समाप्त होने के बाद काउंसलर और एलटी शाम पांच बजे रिपोर्ट प्रेषित करेंगे।

एड्स नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम के दौरान संबंधित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी भी जागरूकता के काम में जुटे रहेंगे। इसमें एचआईवी पॉजिटिव के अलावा कोविड-19 पर विचार होगा। आम जनता को बताया जाएगा कि एड्स कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है, बल्कि इस पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ठोस कार्य कर रहा है। आम आदमी को भी एड्स रोगी से दूरी नहीं बनानी है और उसके साथ कोई भेदभाव का व्यवहार नहीं करना है। सभी को वैश्विक एकजुटता और साझा जिम्मेदारी निभानी है। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के उपायों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

एचआईवी पॉजिटिव से न करें भेदभाव

बहुत सारे लोग समझते हैं कि एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ खाने, पीने, उठने, बैठने से हो जाता है जो कि गलत है। ये समाज में एड्स के बारे में फैली हुई भ्रांतियां हैं। सच तो यह है कि रोजमर्रा के सामाजिक संपर्कों से एच.आई.वी. नहीं फैलता जैसे किः-

- पीड़ित के साथ खाने-पीने से।

- बर्तनों की साझीदारी से।  

- हाथ मिलाने या गले मिलने से।  

- एक ही टॉयलेट का प्रयोग करने से।

- मच्छर या अन्य कीड़ों के काटने से।  


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