संक्रमण से बचें या डिग्री-अंकतालिका ठीक कराएं
हर रोज दर्जनों छात्र पहुंच रहे विश्वविद्यालय मंगलवार को हेल्प डेस्क पर आए 250 से ज्यादा प्रार्थनापत्र
आगरा, जागरण संवाददाता।
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की हेल्प डेस्क पर अंकतालिका में त्रुटियां, डिग्री समेत अन्य समस्याओं के समाधान के लिए दर्जनों छात्र हर रोज पहुंच रहे हैं। शासन के निर्देशों पर कालेज और आवासीय संस्थान बंद हैं, शिक्षण आनलाइन हो रहा है, लेकिन समस्याओं के समाधान के लिए छात्रों को दूसरे शहरों से पहुंचना पड़ रहा है। ऐसे में कैसे वो संक्रमण से बचेंगे, यह प्रश्न खड़ा हो रहा है।
मंगलवार को विश्वविद्यालय की हेल्प डेस्क पर 250 से ज्यादा प्रार्थनापत्र आए, इसमें से अंकतालिका में नाम की स्पेलिग-रोल नंबर, विषयों के नाम गलत होने और डिग्री-अंकतालिका न मिलने की परेशानी के अधिक रहे। मंगलवार को हेल्प डेस्क पर अलीगढ़, हाथरस, एटा, इटावा, मैनपुरी, मथुरा आदि शहरों से छात्र पहुंचे थे। इनमें से कई छात्रों का कहना था कि पांच से सात बार प्रार्थनापत्र दे चुके हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं हो रहा है। इस कारण नौकरी और उच्च शिक्षा के लिए भी आवेदन करने में दिक्कत हो रही है।
मथुरा के छात्र धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी अंकतालिका में त्रुटि है। उनका नाम और रोल नंबर गलत दर्ज कर दिया है। इसे ठीक कराने के लिए हेल्प डेस्क पर पांच बार प्रार्थनापत्र दे चुके हैं। अधिकारियों से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इससे नौकरी के लिए भी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। मैनपुरी के राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने 2007 में बीएससी पास की। अंकतालिका नहीं मिली, तो हस्तलिखित बनवाली। इसके बाद कंपयूटराइज्ड अंकतालिका के लिए वह लगातार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन नहीं बनी है। हाथरस से चौथे दिन अपनी अंकतालिका में नाम ठीक कराने पहुंची रूबी ने बताया कि आए दिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यहां आने में किराया-भाड़ा भी बहुत खर्च हो रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। संक्रमण काल में घर से निकलने पर घरवाले डांटते हैं, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए अंकतालिका जरूरी है। इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर का कहना है कि जिन पटलों पर शिकायतें रूकी हुई हैं, उन्हें निस्तारित करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, जिससे छात्रों को कोई परेशानी न हो।