Air Pollution की कैसे हो रियल टाइम मानीटरिंग, अब तक नहीं लग पा रहा आगरा में ये सिस्टम
आगरा में तीन स्टेशन बनाए जाने हैं यूपीपीसीबी अब तक जगह नहीं कर सका चिह्नित। लाक डाउन से पूर्व सीपीसीबी ने यूपीपीसीबी को जगह चिह्नित कर बताने को कहा था। आगरा में केवल एक आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन संजय प्लेस में है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में वायु प्रदूषण की रियल टाइम मानीटरिंग को आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन नहीं लग पा रहे हैं। आगरा में तीन आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाने को लाक डाउन से पूर्व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यूपीपीसीबी को जगह चिह्नित करने को कहा था। वो अब तक जगह चिह्नित नहीं कर सका है।
आगरा में केवल एक आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन संजय प्लेस में है। इसी के आधार पर सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन शाम को आगरा में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। एक आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन से उसकी पांच-छह किमी की परिधि में ही वायु गुणवत्ता की स्थिति का ही पता चल पाता है। अागरा में अन्य स्थलों पर भी वायु गुणवत्ता की प्रतिदिन रिपोर्ट मिल सके, इसके लिए सीपीसीबी द्वारा आगरा में तीन अन्य स्थानों पर आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाए जाने हैं। सीपीसीबी ने लाक डाउन से पूर्व शहर में आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाने को जगह चिह्नित करने के लिए यूपीपीसीबी को कहा था, लेकिन यूपीपीसीबी अब तक जगह चिह्नित नहीं कर सका है। सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि आगरा में जगह चिह्नित होने के बाद तीन नए आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। यूपीपीसीबी को इसके लिए जगह चिह्नित करनी है।
एएसआइ ने नहीं दी अनुमति
सीपीसीबी ने पूर्व में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से ताजमहल, एत्माद्दौला व रामबाग में आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाने को अनुमति मांगी थी। एएसआइ द्वारा इसकी अनुमति नहीं देने पर शहर में अन्य जगह तलाशी जा रही हैं।
यहां की जाती है मानीटरिंग
सीपीसीबी द्वारा ताजमहल, रामबाग, एत्माद्दौला व नुनिहाई स्थित मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु प्रदूषण की जांच प्रतिदिन की जाती है। यूपीपीसीबी द्वारा आवासीय क्षेत्र बोदला और औद्योगिक क्षेत्र नुनिहाई में वायु प्रदूषण की जांच की जाती है।
फीरोजाबाद व मथुरा में भी लगने हैं आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन
आगरा में तीन और फीरोजाबाद व मथुरा में एक-एक आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाया जाना है। यूपीपीसीबी इन शहरों में भी इस दिशा में कुछ नहीं कर सका है। फीरोजाबाद में तो सीपीसीबी इसके लिए यूपीपीसीबी को बजट भी उपलब्ध करा चुका है।