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खुले आसमान के नीचे नई सुबह की तलाश, अस्पतालों के बाहर की ये तस्वीर रुला देगी आपको

एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड के बाहर तिमारदारों का गुजरता है दिन और रात। फुटपाथ बना दूसरे जिलों से मरीज का इलाज आए तीमारदारों का घर। एटा मैनपुरी फीरोजाबाद मथुरा हाथरस आदि जिलों के मरीज यहां भर्ती हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 12:58 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 12:58 PM (IST)
खुले आसमान के नीचे नई सुबह की तलाश, अस्पतालों के बाहर की ये तस्वीर रुला देगी आपको
एसएन के बाहर खुले आसमान में फुटपाथ पर समय बिताते मरीज के तीमारदार

आगरा, जागरण संवाददाता। आने वाली सुबह यकीनन कोई नया संदेशा लेकर आएगी। ढेरों नकारात्मकता, गमगीन माहौल और अव्यवस्थाओं के बीच सिर्फ इसी अच्छी खबर के इंतजार में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमरदार अपनी गाड़ियों, फुटपाथ और जहां भी जगह मिले, वह उनके ठीक होने और घर ले जाने की खबर मिलने के इंतजार में है।

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यह नजारा सिर्फ एसएन मेडिकल कालेज ही नहीं, बल्कि शहर में बने सभी 26 कोविड अस्पतालों के बाहर का है। इन अस्पतालों में सिर्फ जिले के ही नहीं, बल्कि आस-पास के जिलों से कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कराया गया है। साथ आए तीमारदारों को अस्पताल में रुकने की इजाजत नहीं, इसलिए वह दिन-रात अस्पताल परिसर या आसपास जहां भी जगह मिल रही है, वहां कटा रहे हैं क्योंकि मर्ज ही ऐसा है कि मरीज के पास नहीं रह सकते। अपने हैं उन्हें छोड़कर घर पर भी नहीं बैठ सकते। इसलिए स्वजन में से कोई न कोई व्यक्ति हर दिन लंबा सफर तय कर रहा है या उसने अस्पताल परिसर में ही डेरा डाल दिया है। रात में मच्छर सोने नहीं देते और दिन में मरीज के स्वास्थ्य की चिंता बेचैन रखती है।

खुद कर रहे अपना इंतजाम

अस्पतालों के बाहर तीमारदार अपने खाने-पीने का इंतजाम खुद ही कर रहे हैं। हालांकि कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं भी उन्हें खाना उपलब्ध करा रही हैं। एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, मथुरा, हाथरस आदि जिलों के मरीज यहां भर्ती हैं, जिनके स्वजन जहां जगह मिल रही है, वहां जमीन पर बिस्तर लगाकर, मच्छरदानी लगाकर या फिर अपनी कार में ही रात गुजार रहे हैं।

चिकित्सकों से मिलती है सूचना

एटा से आए हरीराम ने बताया कि उनका मरीज कोविड वार्ड भर्ती है। सेहत की सूचना सिर्फ चिकित्सकों के माध्यम से ही मिल रही है। कंट्रोल रूम पर फोन करने पर सही जवाब नहीं मिलता। ऐसे में चिंता लगी रहती है, इसलिए अस्पताल के बाहर ही डेरा जमाया हुआ है। 


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