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धूल, धुंआ और धुंध से नहीं उखड़ेंगी सांसे अगर अपनाएंगे ये जरूरी सलाह Agra News

दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने सवालों के जवाब दिए।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:46 AM (IST)
धूल, धुंआ और धुंध से नहीं उखड़ेंगी सांसे अगर अपनाएंगे ये जरूरी सलाह Agra News
धूल, धुंआ और धुंध से नहीं उखड़ेंगी सांसे अगर अपनाएंगे ये जरूरी सलाह Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। बदलते मौसम के मिजाज के संग बीमारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। दीपावली की धुंध छाने लगी है। इससे अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीडि़त मरीजों की सांस उखड़ रही है। शरीर में दर्द और बुखार के साथ पैरों में जलन होने लगी है, भूख नहीं लग रही है। दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने सवालों के जवाब दिए।

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सवाल: धूल के कणों से धुंध फैल रही है। सांस के मरीजों को क्या दिक्कत हो सकती है?

जवाब: दीपावली पर आतिशबाजी और घरों की सफाई करने से निकलने वाली धूल सबसे ज्यादा हानिकारक होती है। इससे चार तरह की बीमारी होने का खतरा रहता है। ब्रॉनिक फाइटिक्स, अस्थमा, क्रॉनिक क्लाइटिस और सीओपीडी बीमारी होती है। ब्रांकाइटिस में सांस की नली में सूजन आ जाती है। उसका स्पेस कम हो जाता है। इस कारण खांसी उठती है। अस्थमा होने से नली फैल जाती है। सांस लेने में दिक्कत होती है। छोटी सांस ली जाती है। यह बहुत समय के लिए होती है।

सवाल: सांस के मरीज को इन बीमारियों से बचने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

जवाब: सबसे पहले मरीज को डॉक्टर से ज्यादा खुद सावधानी बरतने की जरूरत है। एलर्जी फैक्टरों से बचने की सख्त जरूरत है। सांस व खांसी के मरीजों को मास्क अवश्य प्रयोग करना चाहिए। सर्दी के मौसम में जिनके घर में हीटर का प्रयोग किया जाता है। उनको परात में पानी भरकर रखना चाहिए। साथ ही मरीजों को अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

सवाल: खांसी को ज्यादा समय हो जाता है, तो मरीज व स्वजन में टीबी की बीमारी की दहशत बन जाती है। इसके क्या बचाव हैं?

जवाब: खांसी तीन सप्ताह से अधिक की होती है, रोजाना बुखार आता है, रात को सोते समय पसीना आता है और सुबह को थकान महसूस होती है। ये सब टीबी की बीमारी के लक्षण हैं। इन्हें महसूस करने वाले शख्स को तत्काल जांच करानी चाहिए। इस वक्त टीबी का इलाज संभव है। घबराने के बजाय इलाज कराने की जरूरत है। इसके लिए काफी सरकारी योजनाएं चल रही हैं।

सवाल: खांसी के मरीजों को योग करने से भी कुछ आराम मिल सकता है?

जवाब: अस्थमा के मरीजों के लिए योग की क्रियाएं कारगर साबित होती हैं। प्राणायाम, योगायाम बहुत लाभदायक हैं। इनकी ट्रेनिंग योग्य गुरु से ही लेना चाहिए। अस्थमा दिनचर्या को प्रभावित करता है। इसके लिए सांस के साथ अंदर खींचने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करें।

सवाल: खांसते वक्त ब्लड आए और सांस की नली में कुछ अटका हुआ महसूस होता है। ऐसी स्थिति मरीज क्या करें?

जवाब: सांस की नली में कण चिपक जाते हैं। कोई चीज अटकी नहीं होती है। खांसी में मरीज ज्यादा जोर से खांसता है। इससे सूजन आ जाती है। ऐसे में बलगम निकले, तो सही है। वरना नसों के फटने का डर रहता है।

सवाल: काफी दिनों से खांसी व जुकाम है। शरीर में काफी दर्द रहता है। मैं किस दवाई के प्रयोग करूं?

जवाब: धूल और धुंआ से बचना है। रोजाना पांच से छह लीटर पानी पीएं और ठंडा पानी व आयुर्वेदिक सीरप का प्रयोग करें। शरीर के दर्द के लिए पांच से चार दिन दवाई खानी होगी और नहाने के बाद कुछ देर तक खुले में नहीं घूमना है।

सवाल: धुंआ और धूल में सांस फूलती है। इसका समाधान क्या है?

जवाब: यह एलर्जी के कारण होता है। आपको धूल से बचना होगा। कपड़ा या मास्क लगाकर बाहर निकलें। पीने के पानी की मात्रा बढ़ानी होगी। ठंडी चीजों का इस्तेमाल नहीं करें। आयुर्वेदिक सीरप का इस्तेमाल करें।

सवाल: मुझे कई दिन से बुखार है। बलगम जाता है और शरीर में दर्द रहता है?

जवाब: यह इंफेक्शन की समस्या होती है। इसमें एंटीबायोटिक और कफ सीरप ही कारगर होता है। इसके अलावा सादा पानी का प्रयोग करना होगा। दर्द की गोली के साथ पांच दिन दवाई का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

सवाल: सांस की पहले से थी, अब और बढ़ गई है और पीला बलगम आता है। इससे काफी दिक्कत हो रही है?

जवाब: बीड़ी पीते व्यक्ति से दूर रहना है। वाहनों के धुआं से बचना है। खेत की धूल से बचना है। कफ सीरप का इस्तेमाल करना होगा। सामान्य तापमान में रहना होगा। इसके साथ ही आयुर्वेदिक दवाई का प्रयोग करें।

इन्होंने पूछे सवाल

अमन, राजकुमार राही, योगेंद्र सिंह, सूरज शर्मा, रोहित प्रकाश, प्रतीक सिंह, राधेश्याम उपाध्याय, आगरा, रामबाबू, मैनपुरी  


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