Jagran Impact: फिर निखरा संगमरमरी हुस्न, एएसआइ ने धोए ताज पर लगे दाग Agra News
यमुना की गंदगी में पनपे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस ने छोड़े थे दाग। 28 नवंबर को बारिश के बाद बदरंग नजर आई थी ताज की दीवार।
आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ताज की सतह पर कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए दागों को धो दिया है। दो दिन से एएसआइ की रसायन शाखा दाग साफ करने में जुटी हुई है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी सफाई हुई। यह काम शनिवार को भी जारी रहेगा।
यमुना की गदंगी में पनपे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा ताज की सतह पर गंदगी छोड़ी जाती है। 28 नवंबर को हुई बारिश के बाद गंदगी पानी में घुलकर बहने से ताज की उत्तरी दीवार व आर्च पर भूरे व हल्के हरे रंग के दाग नजर आने लगे थे। पच्चीकारी पर भी कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग दिखे थे। इससे विश्व धरोहर की छवि देश और दुनिया में खराब हो रही थी। कीड़े द्वारा छोड़े गए दाग ताज की सतह के लिए नुकसानदेय नहीं हैं। उन्हें पानी से धोकर साफ किया जा सकता है। रसायन शाखा ने गुरुवार को ताज की उत्तरी दीवार, आर्च व पच्चीकारी पर लगे दागों को धोकर साफ करने की शुरुआत की थी। शुक्रवार को ताज की साप्ताहिक बंदी के दिन भी यह काम जारी रहा। जहां दाग रह गए हैं, उन्हें शनिवार को साफ किया जाएगा।
पहले भी लगते रहे हैं दाग
वर्ष 2015 में गर्मियों में इस तरह के दाग पहली बार ताज की सतह पर लगे थे। इसके बाद दोबारा लगे गंदगी के दाग अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बन गए थे। एएसआइ की रसायन शाखा ने अध्ययन के बाद वर्ष 2016 में यमुना की स्थिति में सुधार की आवश्यकता बताई थी, लेकिन उस दिशा में आज तक कोई खास प्रयत्न नहीं हो सका है।