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साहित्‍य उत्‍सव में खुले कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 के छुए- अनछुए पहलू Agra News

आगरा साहित्य उत्सव में ‘कश्मीर अनुच्छेद 370 से पहले और अब’ पर हुई गोष्ठी। मुख्य वक्ता जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र श्रीनगर के निदेशक डॉ. आशुतोष भटनागर ने रखे विचार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 12:32 PM (IST)
साहित्‍य उत्‍सव में खुले कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 के छुए- अनछुए पहलू  Agra News
साहित्‍य उत्‍सव में खुले कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 के छुए- अनछुए पहलू Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर की जनता भारतीय संविधान से मिलने वाले लाभों से 70 वर्ष तक वंचित रही। पूरा देश आगे निकल गया, लेकिन जम्मू-कश्मीर वहीं खड़ा रह गया। कश्मीर की समस्या भाजपा या कांग्रेस या हिन्दू-मुस्लिम की समस्या नहीं है। अनुच्छेद 370 हटाया नहीं गया है, संशोधन हुआ है। यह देश और कश्मीर के लिए समस्या नहीं बल्कि समाधान है। इसने जम्मू-कश्मीर की जनता को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा है।

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आगरा कॉलेज मैदान में चल रहे आगरा साहित्य उत्सव और राष्ट्रीय पुस्तक मेले में ‘कश्मीर अनुच्छेद 370 से पहले और अब’ हुई गोष्ठी में मुख्य वक्ता जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र, श्रीनगर के निदेशक डॉ. आशुतोष भटनागर ने यह बात कही। गोष्ठी में उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक हरिशंकर शर्मा, क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पद्म जी, प्रो. सुगम आनंद, चंद्रमोहन सचदेवा ने भाग लेते हुए आयोजन को सराहा। संयोजक मनमोहन निरंकारी रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमी आधार निडर ने किया।

आंबेडकर ने पेश नहीं किया था अनुच्छेद 370 का प्रस्ताव

डॉ. आशुतोष भटनागर ने कहा कि देश का संविधान पारित होते समय संसद में हर अनुच्छेद पर चर्चा और बहस हुई। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का प्रस्ताव रखने से यह कहते हुए मना किया कि मैं भारत के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। उनका मौन ही 370 पर उनका भाषण था। देश और इतिहास ने जितना अन्याय राजा हरिसिंह के साथ किया, उतना किसी के साथ नहीं हुआ। उन्हें खलनायक की तरह पेश किया गया। 1930 में महाराजा हरिसिंह भारत के प्रतिनिधि के रूप में अंग्रेजों से मिलने गए थे। जो राजा जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय से 20 वर्ष पूर्व भारत में जाने को कह रहा था, उन्हें इस तरह पेश किया गया कि वह भारत में शामिल नहीं होना चाहते। पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में राजा हरिसिंह की जयंती मनाते हैं।

कश्मीर में मौसम अच्छा घूम आओ

डॉ. आशुतोष ने कहा कि कश्मीर घूम आइए, वहां बहुत अच्छा मौसम है। जनता के समक्ष भ्रम फैलाया जा रहा है कि वहां हालात ठीक नहीं हैं। 1.20 लाख हजार टन सेब का निर्यात आखिर कफ्यरू में कैसे हो गया?

लाल चौक पर झंडा फहराने वाले का सम्मान

अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर के लाल चौक पर पहली बार बार तिरंगा फहराने वाले संजीव का सम्मान किया गया। संजीव ने बताया कि उन पर अपने ही देश में तिरंगा फहराने पर आठ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

यह रहे मौजूद

आरएसएस के प्रांत के विशेष संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ, प्रांत के प्रचार प्रमुख केशवदेव शर्मा, महानगर संघ चालक विजय गोयल, सुभाष बोहरा, भाजपा महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे, अश्वनी वशिष्ठ, अशोक पिप्पल, हेमंत भोजवानी, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इस्लाम अब्बास, सेंट जोंस कॉलेज के प्राचार्य एसपी सिंह, विहिप के महानगर अध्यक्ष दीपक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

हिंदुस्‍तान में हुआ था एक और जलियावाला कांड

स्वातंत्र्य समर के दौरान अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई के साथ ही जमींदारों की ताल्लुकेदारी प्रथा और 142 तरह के करों से मुक्ति पाने को अवध के 12 जिलों में किसान आंदोलन हुआ था। यह भी जलियांवाला कांड से कम नहीं था। अंग्रेजों ने इसका निर्दयता से दमन किया और किसानों को प्राण गंवाने पड़े। गरीब, अशिक्षित किसानों के स्वत:स्फूर्त आंदोलन को किसी दल या नेता का समर्थन प्राप्त नहीं था, मगर इसका असर बहुत व्यापक था।

आगरा साहित्य उत्सव में सोमवार को अवध किसान आंदोलन के 100 वर्ष पूरे होने पर हुई गोष्ठी में वक्ताओं ने यह विचार रखे। अवध किसान आंदोलन पर ईपीएफ कमिश्नर राजीव कुमार पाल द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘एका’ का विमोचन किया गया। डॉ. राजेंद्र मिलन की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में अवध किसान आंदोलन और पुस्तक पर परिचर्चा प्रेमशंकर, फिरोज नकवी और निशा राठौर ने की। स्वतंत्रता सेनानी सरोज गौरिहार, एसएस यादव, आरएस मौर्या, डॉ. मृणाल शर्मा, सुशील सरित, परमानंद शर्मा, अशोक अश्रु आदि मौजूद रहे। संचालन सर्वज्ञ शेखर गुप्ता ने किया।

गोष्ठी में हुआ काव्य पाठ

संस्थान संगम के संयोजन में हुई काव्य गोष्ठी में डॉ. अंगद धारिया की किसानों की पीड़ा को व्यक्त करती कविता को तालियां मिलीं। अलका अग्रवाल ने अपनी रचना से किसानों को नमन किया। राकेश निर्मल, रमा वर्मा श्याम, राजकुमारी चौहान, विजया तिवारी, प्रेमसिंह त्यागी, प्रताप सिंह सिसौदिया, डॉ. अनीता चौधरी, मंजू यादव, डॉ. भावना आदि ने भी काव्य पाठ किया।

हुनरबाजों ने दिखाया हुनर

सेफ गार्ड चिल्ड्रन सेवा समिति द्वारा कराई गई ‘आगरा के हुनरबाज-2019’ के विजेताओं ने अपने हुनर से समां बांधा। कलाकारों, बाल कलाकारों ने डांस, सिं¨गग, प्यानो और ड्रम पर प्रस्तुतियों से दर्शकों को मुग्ध कर दिया। संचालन प्रियंका गुप्ता ने किया। अनूप सिकरवार, शैलेंद्र सिंह नरवार, सुनील माहौर, रईस खान, लोकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

यह देख रहे व्यवस्था

मुख्य संयोजक डॉ. अमी आधार निडर, संयोजक डॉ. नीतू चौधरी, दीपक सरीन, अर¨वद इंदौलिया, आलोक कृष्ण अग्रवाल, भरतदीप माथुर, अलका अग्रवाल, सिराज खान, प्रिया शर्मा, कंचन चौधरी, राजकुमार शुक्ला, सुधांशु, मोहिनी, सोनम, श्वेता, पूनम जाकिर, नमन।


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