बरसाएंगे देव पुष्प जब सोने चांदी से लदा एेरावत खींचेगा गिरिराजरथ
अनंतचतुर्दशी पर कृष्ण चतुर्भुज रूप में रत्नों से लदे रथ में विराजेंगे। कृष्ण गिरिराज बन गोपियों और ग्वालवालों के लगाए 21 हजार किलो छप्पन भोग को अरोगते हुए दर्शन भी देंगे।
केरल के हस्तशिल्पियों ने पीओपी से तैयार की हाथी की विशाल प्रतिमा
अब हो रहा सोने-चांदी का काम, अनंत चतुर्दशी पर लगेगा छप्पन भोग
आगरा[रसिक शर्मा]: अनंत चतुर्दशी पर रविवार को गाेवर्धन में योगीराज श्रीकृष्ण की दुर्लभ लीला के दर्शन होंगे। छप्पन भोग के दौरान एक करोड़ का ऐरावत गिरिराज महाराज का रथ खींचेगा। लीला को जीवंतरूप देने की तैयारी चल रही हैं। विशालकाय हाथी की प्रतिमा चार किलो से ज्यादा सोने और पचास किलो से ज्यादा चांदी के जेवरों से लदी होगी।
क्या था गोवर्धन लीला में ऐरावत का महत्व
शास्त्रों में वर्णन है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गिरिराज अंगुली पर धारण कर ब्रजवासियों को इंद्र के कोप से बचाया ही नहीं था, उसका मानमर्दन भी किया था। तब योगीराज को मनाने के लिए इंद्र ने अपनी सबसे प्रिय ऐरावत हाथी को भेजा था। इंद्र का प्रिय ऐरावत हाथी चांदी जैसा चमकता था और उसकी सोने जैसी पीठ थी।
अदभुत होगा लीला का मंचन
रविवार को अनंतचतुर्दशी के अवसर पर इसी लीला को जीवंत रूप देने के प्रयास चल रहे हैं। केरल के कारीगरों ने पीओपी से विशाल हाथी की प्रतिमा तैयार की है। अब उसे सोने-चांदी के गहनों से सजाया जा रहा है। चार किलो से ज्यादा सोने और पचास किलो से ज्यादा चांदी के जेवरों का बंदोबस्त किया गया है। इन गहनों की कीमत एक करोड़ से ज्यादा है। मथुरा के पुराने रईस परिवारों ने जेवर सहर्ष दिए हैं। लीला में ऐरावत हाथी विराट रथ पर विराज रहे कृष्ण को खींचता नजर आएगा। कृष्ण चतुर्भुज रूप में रत्नों से लदे रथ में विराजेंगे। इसी के साथ कृष्ण गिरिराज बन गोपियों और ग्वालवालों के लगाए उस 21 हजार किलो छप्पन भोग को अरोगते हुए दर्शन देंगे। आयोजक गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल के मुताबिक कृष्ण की लीला भूमि गोवर्धन में ऐसी दुर्लभ लीला को छप्पन भोग दर्शन में उकेरा जा रहा है।