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सरकती यमुना, लटकता पुल, भंवरजाल में फंसे सपने

दो जिलों की सीमा को जोड़ने वाला अनवारे का पुल 12 साल बाद भी अधूरा 25 किलोमीटर का लगाना पड़ रहा चक्कर

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:00 AM (IST)
सरकती यमुना, लटकता पुल, भंवरजाल में फंसे सपने
सरकती यमुना, लटकता पुल, भंवरजाल में फंसे सपने

आशीष कुलश्रेष्ठ, आगरा। यमुना तिल-तिल सरकती गई और मेहरा नाहरगंज में बना अनवारे का पुल लटकता रहा। इसके न बनने से दर्जनों गांवों के लोगों के सपने टूट चुके हैं। कटान से कई गांवों की जमीन यमुना में समा गई है। दो जिलों की सीमा को जोड़ने वाला यह पुल 12 साल बाद भी अधूरा है। लोगों को 25 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ पड़ता है। यह काम पूरा हो जाए तो लोगों का दुख दूर हो सकेगा।

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वर्ष 2009-10 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में अनवारे पुल का निर्माण शुरू हुआ। इससे तनौरा, नूरपुर, समोगर, कबीस, मेहरा नाहरगंज, बिसारना, कुंडौल, बमरौली कटारा, धमौटा समेत दो दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन सुलभ होता। यह पुल बन जाए तो टूंडला जाने के लिए महज 10 मिनट लगेंगे लेकिन सियासत ने इस पर ग्रहण लगा दिया। अफसरों की लेटलतीफी और जनप्रतिनिधियों की अरुचि पुल बनने नहीं दे रही। मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर कहती हैं कि अनवारे पुल के निर्माण के लिए सरकार से 34 करोड़ रुपये का बजट पास हो गया है। टेंडर न होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। आचार संहिता की समाप्ति के बाद काम शुरू होगा।

लेटलतीफी ने कराया दोतरफा नुकसान

लेटलतीफी के कारण यमुना नदी फिरोजाबाद जिले की सीमा में सिकुड़ी और आगरा की सीमा में इसका फैलाव बढ़ता गया। इसका दोतरफा नुकसान हुआ। पहला, जो पुल लगभग पूर्ण हो चुका था। उसका 200-250 मीटर पहुंच मार्ग ही बनना था, अब उसे पूर्ण करने की लागत और दूरी दोनों बढ़ गई। दूसरा, समोगर, गुर्जा, तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज, कबीस, बिसारना समेत दर्जनों गांवों की जमीन यमुना की गोद में समा गई। यमुना नदी में समा गई 250 फीट जमीन

यमुना के तेजी से कटान को देखते हुए तब नदी में किनारे पर छह स्थानों पर ठोकरें बनाई गई। इनमें एक तनौरा और दूसरी ठोकर नूरपुर गांव में है। तेज बहाव के दौरान यमुना का पानी इन ठोकरों से लगता है। इन ठोकरों के कारण ही यमुना नदी का कटान नहीं हो पाता। क्षेत्रीय ग्रामीण बताते हैं कि बीते दो-तीन दशकों में 250 फीट जमीन यमुना नदी में समा चुकी है। आंकड़े एक नजर में

416558 कुल मतदाता

227169 पुरुष मतदाता

189369 महिला मतदाता अनवारे का पुल बन जाए तो टूंडला की दूरी घट जाएगी। 25-30 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आवागमन में सहूलियत हो जाएगी।

कोमल सिंह, नगला बिंदू अधिकारी सुनते नहीं और जनप्रतिनिधि दिलचस्पी नहीं लेते। दोनों सामंजस्य बनाकर काम करते तो पुल कब का बन गया होगा।

धर्मेद्र नगला बिंदू काफी भूमि यमुना नदी में समा चुकी है। कई ग्रामीण नाव से नदी पार कर फसल की देखभाल करने जाते हैं। नदी में ठोकरें और बननी चाहिए, ताकि कटान न हो।

हरभेजी, नूरपुर पहले यमुनाजी गांव से काफी दूर थीं। अब यह तेजी से गांवों को चपेट में ले रही है। अफसर कुछ करें तभी हमारी जमीन बच सकेगी।

शकुंतला, नूरपुर


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