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Dengue in Agra: आगरा में एक और सिपाही ने तोड़ा डेंगू से दम, छह और पुलिसकर्मियों को डेंगू

कम होने की बजाय आगरा में डेंगू का दंश बढ़ रहा है। मथुरा की रहने वाली महिला सिपाही प्रेमलता का आगरा में इलाज के दौरान हुआ निधन। दो दिन में दो सिपाहियों की मृत्‍यु। पुलिस महकमे में मचा हड़कंप। पहले काेरोना वायरस और अब डेंगू से बीमार हो रहे पुलिसकर्मी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 11:13 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 11:13 AM (IST)
Dengue in Agra: आगरा में एक और सिपाही ने तोड़ा डेंगू से दम, छह और पुलिसकर्मियों को डेंगू
अस्‍पताल में डेंगू के चलते भर्ती महिला सिपाही तनुजा।

आगरा, जागरण संवाददाता। पहले कोरोना वायरस और अब डेंगू, तबाही लेकर आया है। एत्‍माद्दौला थाने में तैनात सोनू की मृत्‍यु होने के बाद शुक्रवार सुबह एक महिला सिपाही की इलाज के दौरान आगरा के अस्‍पताल में मृत्‍यु हो गई। वहीं बाह थाना के तीन पुलिसकर्मी और फतेहाबाद के तीन पुलिसकर्मी भी डेंगू के चलते आगरा में इलाज करा रहे हैं। लगातार दो मौतों से पुलिस महकमे में हड़कंप है। हैरानी की बात ये है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग इन्‍हें डेंगू संदिग्‍ध करार रहा है या फिर रहस्‍यमयी बुखार का नाम देकर असल तस्‍वीर पेश नहीं कर रहा है। वहीं दूसरा सवाल ये भी है कि हर दिन नगर निगम की ओर से डेढ़ लाख रुपये खर्च कर फॉगिंग कराई जा रही है। ऐसा लगभग पिछले डेढ़ महीने से चल रहा है। वास्‍तविक तौर पर इतनी दवाई अगर शहर में स्‍प्रे हो गई तो मच्‍छर क्‍या मक्खियों का भी नामोनिशां नहीं रहता।

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आगरा में डेंगू की दस्तक अब पुलिसकर्मियों में भी पहुंच गई है। शुक्रवार सुबह आगरा के गोयल अस्‍पताल में भर्ती मथुरा की रहने वाली महिला सिपाही प्रेमलता की मृत्‍यु हुई है। वे दो तीन से बुखार से पीडि़त थीं। इससे पहले गुरुवार को एत्‍माद्दौला थाना में तैनात अलीगढ़ निवासी सिपाही सोनू का निधन हुआ था। वहीं थाना बाह में तैनात कांस्‍टेबल अनुराग और आशीष व महिला सिपाही तनुजा को भी डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया है। तीन दिन पहले डेंगू से पीड़ित तनुजा की प्लेटलेट करीब 15000 तक पहुंच गई। जिनको कानपुर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहीं सिपाही आशीष और अनुराग को बाह के सीएचसी में भर्ती कराया गया है।

इधर फतेहाबाद थाने में तैनात तीन दारोगा रजनीश, सुयश कुमार और सुनोज तीनों को डेंगू होने के कारण आगरा में भर्ती कराया गया है। पुलिस महकमे में डेंगू की दस्तक के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच हुआ है। वहीं अभी तक वरिष्ठ अधिकारी अपने सिपाहियों की इस भयंकर बीमारी से बेखबर हैं। सूत्रों की मानें तो अभी तक प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सहायता पीड़ित सिपाहियों को नहीं मिली है।

स्वास्थ विभाग पर लीपापोती के आरोप

ये डेंगू है या कुछ और। अब चर्चाएं ये चल निकली हैं। लोग कहने लगे हैं कि कोरोना की जिस तीसरी लहर के आने की चेतावनी दी जा रही थी, ये वही तीसरी लहर है। हो सकता है कि नया स्‍ट्रेन प्‍लेटलेट्स कम करने का काम कर रहा हो। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग मरीजों में डेंगू की पुष्टि न करके संदिग्‍ध या रहस्‍यमयी बुखार दर्शा रहा है। जिस प्रकार जिले में गली गली और मोहल्लाें में डेंगू ने दस्तक दे दी है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें खानापूरी करती दिखाई नहीं दे रही हैं। क्षेत्रीय लोगों में इस बात को लेकर काफी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग जगह-जगह कैंप लगाकर अगर क्षेत्र लोगों के चेकअप कराए। पीड़ित जनता को समय पर दवा देने का काम करें तो इससे डेंगू के प्रभाव को कम किया जा सकता है।


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