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Ancient Sculpture: कहीं और तो नहीं था आगरा के इस गांव में मिली मूर्तियों का मंदिर!

Ancient Sculpture जगनेर के नौनी खेरा में खेत में तालाब की खोदाई में मिले हैं 11वीं शताब्दी के पुरावशेष।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 05:19 PM (IST)
Ancient Sculpture: कहीं और तो नहीं था आगरा के इस गांव में मिली मूर्तियों का मंदिर!
Ancient Sculpture: कहीं और तो नहीं था आगरा के इस गांव में मिली मूर्तियों का मंदिर!

आगरा, निर्लोष कुमार। जगनेर के नौनी खेरा में मिलीं 11-12वीं शताब्दी की मूर्तियों व मंदिर के पुरावशेष की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) दिल्ली मुख्यालय रिपोर्ट भेजेगा। खेत से प्रस्तर खंडों के सीमित संख्या में मिलने से एएसआइ कई संभावनाओं पर विचार कर रहा है। इनमें एक संभावना यह भी है कि मंदिर किसी अन्य जगह रहा हो और मूर्तियों के खंडित होने या मंदिर के टूटने पर उसके हिस्सों को वहां रखा या विसर्जित किया गया हो।

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गुरुवार को नौनी खेरा में किसान गंगाराम द्वारा अपने खेत में तालाब की खोदाई कराई जा रही थी। जेसीबी से खोदाई के दौरान जमीन से पांच-छह फुट नीचे पत्थर निकलने पर फावडे़ से ग्रामीणों ने खोदाई की थी। मूर्तियां व मंदिर के पुरावशेष मिलने पर ग्रामीणों ने उन्हें वनखंडी महादेव मंदिर पर रख दिया था। शुक्रवार को अवलोकन कर एएसआइ की टीम ने मूर्तियों व मंदिर के पुरावशेषों को राजपूत काल (11-12वीं शताब्दी) का बताया था। इनमें दो शिवलिंग, भगवान सूर्य की प्रतिमा मंदिर के आमलक, दीप स्तंभ का भाग, पैनल आदि हैं। एएसआइ अब प्रतिमाओं व मंदिर के पुरावशेषों के वहां से मिलने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। दरअसल, खेत से सीमित संख्या में प्रस्तर खंड तो मिले हैं, लेकिन ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे कहा जा सके कि वहां पर कभी कोई निर्माण रहा हो। मूर्तियां सीमित हैं और मंदिर के हिस्सों के पुरावशेष भी।

एएसआइ अधिकारी बताते हैं कि मंदिर छोटा ही क्यों न बनाया जाए, लेकिन उसमें बड़ी मात्रा में पत्थर लगते हैं। नौनी खेरा में शिवलिंग और सूर्य देव के अलावा कोई अन्य मूर्ति या मंदिर के हिस्से नहीं मिले हैं। प्राचीन समय से ही मूर्तियों के खंडित होने व मंदिर के टूटने पर उसके पत्थरों को पेड़ों के नीचे रखने की प्रवृत्ति रही है। खंडित प्रतिमाओं को तालाब या नदी में विसर्जित भी किया जाता है। इन दोनों संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। 


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