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और चाहर बन गए सीकरी के 'राजकुमार', जानिए कैसे रचा जीत का इतिहास

हर मोर्चे पर तय की गई थी सियासी रणनीति। व्यक्तिगत पहचान मोदी के नाम ने पहनाई जीत की माला।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 04:57 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 04:57 PM (IST)
और चाहर बन गए सीकरी के 'राजकुमार', जानिए कैसे रचा जीत का इतिहास
और चाहर बन गए सीकरी के 'राजकुमार', जानिए कैसे रचा जीत का इतिहास

आगरा, विनीत मिश्र। सियासत की पगडंडी पर बार- बार लखनऊ पहुंचने में नाकाम रहे राजकुमार चाहर आखिर सीधे दिल्ली पहुंच गए। राजकुमार के रास्ते सीकरी में फिर से कमल खिलाने के लिए भाजपा ने भी यहां कम कवायद नहीं की। चाहर की व्यक्तिगत पहचान और भाजपा-मोदी के नाम ने उन्हें सीकरी का 'राजकुमार' बना दिया।

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बीहड़, बटेश्वर, चंबल, यमुना और अकबर के महल के लिए अलग पहचान रखने वाली फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा ने सधे हुए अंदाज में अपना सियासी कार्ड खेला। बीते चुनाव में भाजपा की टिकट पर करीब पौने दो लाख वोटों से जीत दर्ज कराने वाले चौधरी बाबूलाल का इस बार कुछ विरोध दिखा, तो भाजपा ने उनका टिकट काटने में कोई संकोच नहीं किया। जाट बाहुल्य इस लोकसभा क्षेत्र में बाबूलाल का सजातीय वोटर नाराज न हो जाए, इसलिए जाट बिरादरी से ही ताल्लुक रखने वाले राजकुमार चाहर पर दांव लगाया। बाबूलाल का नाराज होना लाजिमी था मगर पार्टी ने उन्हें अलग नहीं होने दिया। सर्किट हाउस के बंद कमरे में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बात कर बाबूलाल के गुस्सा को ठंडा कर दिया। पूर्व में इस क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके राजकुमार चाहर विभिन्न दलों से मैदान में रहे, तो निर्दलीय भी अपनी ताकत दिखाई। लखनऊ पहुंचने में असफल रहे चाहर ने एकदम से दिल्ली की छलांग लगा दी।

इस जीत के कई आधार रहे। सबसे बड़ा फायदा राजकुमार को स्थानीय होने का मिला। गठबंधन से मैदान में आए श्रीभगवान शर्मा क्षेत्र के लिए नए थे। कांग्र्रेस प्रत्याशी राज बब्बर ने जरूर एक चुनाव लड़ा, जिसमें वो बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय से हार गए थे। इसके बाद उनका क्षेत्र से ज्यादा ताल्लुक नहीं रहा। इसका फायदा सीधे राजकुमार चाहर को मिला। दूसरे, जिस क्षेत्र में जिस बिरादरी के वोट अधिक थे, वहां पर भी राजकुमार ने बड़े नेताओं की सभा कर उन्हें साधा। बसपा से पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की चुप्पी भी राजकुमार के लिए फायदेमंद रही। सियासी समीकरणों को हर मोर्चे पर अपने पक्ष में कर लेने के कारण ही राजकुमार ने मतगणना के पहले ही राउंड में बढ़त बना ली। और ये बढ़त अगले राउंड में कम नहीं होने दी। फिल्म अभिनेता से नेता बने राज बब्बर चूंकि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, इसलिए उन पर भी दो लाख से भी अधिक मतों से जीत ने राजकुमार का कद भी पार्टी के अंदर बढ़ाया है।

फतेहपुर सीकरी लोकसभा का ब्यौरा

2019

राजकुमार चाहर -भाजपा-  667147

राजबब्बर   -कांग्र्रेस-172082  

श्री भगवान शर्मा-बसपा -168043

नवाब गुल चमन शेरवानी-वंचित समाज इंसाफ पार्टी- 2199

मनीषा सिंह- प्रसपा- 1040

विजय सिंह धनगर-राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी- 1808

सत्येंद्र बघेल-आम जनता पार्टी- 965

सर्वेश कुमार- भारतीय मजदूर जनता पार्टी- 822

शादाब नूर-आदर्श समाज पार्टी- 621

अनिल कुमार कुशवाहा-निर्दलीय-1443

आरती शर्मा-निर्दलीय-994

पास्टर थामसन मैसी- निर्दलीय-1103

नरेश कुमार-निर्दलीय -1581

पुरुषोत्तम दास-निर्दलीय-3429

राम बहोरी-निर्दलीय-3182

नोटा-10692

हर विस में चाहर ने मारी बाजी

आगरा ग्र्रामीण

राजकुमार चाहर भाजपा 146119

राजबब्बर कांग्रेस 31810

श्री भगवान शर्मा  बसपा 67158

मनीषा सिंह प्रसपा 206

फतेहपुर सीकरी

राजकुमार चाहर भाजपा 147850

राजबब्बर कांग्रेस 42818

श्री भगवान शर्मा  बसपा 34704

मनीषा सिंह प्रसपा 168

खेरागढ़

राजकुमार चाहर भाजपा  123803

राजबब्बर कांग्रेस 40249

श्री भगवान शर्मा बसपा 20985

मनीषा सिंह प्रसपा 230

फतेहाबाद

राजकुमार चाहर भाजपा 137681

राजबब्बर कांग्रेस 29604

श्री भगवान शर्मा  बसपा 18011

मनीषा सिंह प्रसपा 141

बाह

राजकुमार चाहर भाजपा 106898

राजबब्बर कांग्रेस 26341

श्री भगवान शर्मा  बसपा 26279

मनीषा सिंह प्रसपा 279

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