Ambedkar University Agra: पांच सालों में केवल पांच हजार डिग्रियां ही हुईं प्रेषित
Ambedkar University Agra 2015 से 19 तक की 738747 डिग्रियां हैं तैयार। 1998 से 2014 तक का नहीं है विवि में रिकॉर्ड। 15 सितंबर के बाद कालेजों से होगा डिग्रियों का वितरण।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विवि में 2015 से 2019 तक केवल 5013 डिग्रियां ही विद्यार्थियों को प्रेषित की गई हैं, 7,38,747 डिग्रियां प्रेषित होने के लिए तैयार हैं।1998 से 2014 का कोई रिकॉर्ड ही विवि के पास नहीं है। यह आंकड़े हवाई नहीं बलि्क वो हकीकत है, जो खुद कुलपति द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षक ने चार दिन की जांच में एकत्र किए हैं। विवि में पिछले दिनों कुलपति द्वारा पांच शिक्षकों को विवि की समस्याएं दूर करने का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इस पर काफी राजनीति भी हुई, लेकिन सोमवार से शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारियों पर काम करना शुरू कर दिया। डिग्रियों की समस्या का निस्तारण करने की जिम्मेदारी प्रो. अनिल वर्मा को दी गई थी। चार दिन में प्रो. वर्मा ने सारे आंकड़े एकत्र किए। उन्होंने 1998 से 2019 तक की डिग्रियों को तीन वर्गों में विभाजित कर दिया है। पहला वर्ग 1998 से पहले का है, दूसरा 1998 से 2014 तक और तीसरा वर्ग 2015 से 2019 तक का है। 1998 से पहले की डिग्रियां विवि में बनी रखी हैं लेकिन उन्हें प्रेषित नहीं किया गया है और 1998 से 2014 तक का कोई भी रिकॉर्ड विवि के विभागों में नहीं है।
तैयार डिग्रियां की जाएंगी वितरित
2015 से 2019 के बीच में विवि में 7,38,747 डिग्रियां बनी हैं, 5013 डिग्रियां ही प्रेषित की गई हैं। तैयार डिग्रियों के वितरण के लिए योजना तैयार की गई है। कालेजों और आवासीय परिसर के विभागों में पत्र और डिग्रियां भेजी जा रही हैं।विद्यार्थी अपने कालेज या अपने विभागों से ही अब निश्शुल्क डिग्रियां प्राप्त कर सकेंगे। यह काम 15 सितंबर के बाद शुरू होगा। इससे पहले कालेजों और विभागों को गलत पतों पर फोन कर पते जांचने हैंं। वितरण से पहले एक मॉनीटरिंग सेल भी बनाया जाएगा, जो हर डिग्री पर नजर रखेगा। एक परफॉर्मा कालेज और विभागों में दिया जाएगा, जिसे डिग्री वितरण के समय भरना होगा।
विवि में हैं चार तरह की डिग्री
प्रो. वर्मा ने बताया कि विवि में चार तरह की डिग्री तैयार होती हैं, पहली अंडर ग्रेजुएट, दूसरा पोस्ट ग्रेजुएट, तीसरा प्रोफेशनल कोर्स और चौथी सेमेस्टर कोर्सों की। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अंडर ग्रेजुएट कोर्सों की डिग्री की है।
शिक्षकों को जो जिम्मेदारियां दी गई हैं, उन पर काम शुरू हो चुका है। जल्द ही विवि में डिग्री और अंकतालिका की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति
बन रही है कार्ययोजना
डिग्री की समस्या की तरह ही मेडिकल, शोध, यूजीसी, रेडियो, संबद्धता की जिम्मेदारियां भी शिक्षकों को सौंपी गई है। विवि के पीआरओ प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि सभी शिक्षकों ने काम शुरू कर दिया है। छात्र हित में कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जल्द ही समस्याओं के समाधान के लिए रिपोर्ट कुलपति के समक्ष रखी जाएगी।