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Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि का तो भगवान ही मालिक, आवेदन को गुजरे 29 महीने पर न मिली डिग्री

Ambedkar University Agra न बना ट्रिब्यूनल न हुआ समस्या में सुधार। आपत्तियों के नाम पर रूके हैं विभागों में आवेदन।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 01:21 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 01:21 PM (IST)
Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि का तो भगवान ही मालिक, आवेदन को गुजरे 29 महीने पर न मिली डिग्री
Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि का तो भगवान ही मालिक, आवेदन को गुजरे 29 महीने पर न मिली डिग्री

आगरा, जागरण संवाददाता। केस 1- नाम-उमेश कुमार सिंह। आवेदन की तिथि- 16-4-18। स्टेटस- 29 माह से रूका हुआ है।

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केस दो- नाम- स्मृति भास्कर। आवेदन की तिथि- 5-4-18। स्टेटस- 29 माह से रूका हुआ है।

केस तीन- नाम- कनक कुमार वर्मा। आवेदन की तिथि- 11-5-18। स्टेटस- 28 माह से रूका हुआ है।

यह केवल तीन केस नहीं हैं, जिनके आवेदन पिछले 29 व 28 माह से रूके हुए हैं। विभिन्न विभागों में रूके एेसे आवेदनों की संख्या हजारों में हैं, जो पिछले 29 महीनों से अटके हुए हैं। आंबेडकर विवि में डिग्रियों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। लाखों डिग्रियां तैयार पड़ी हैं। हजारों आवेदन विभागों में अटके हुए हैं।विद्यार्थी विवि के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा जमा किए गए कागजातों की आपत्तियां खत्म नहीं हो रही हैं।

विवि में बनना था ट्रिब्यूनल

डिग्रियों की समस्या को दूर करने के लिए तत्कालीन कुलपति डा. अरविंद दीक्षित ने विवि में शिकायत सुनवाई प्रकोष्ठ को सक्रिय करने की बात की थी। इसके ऊपर ट्रिब्यूनल जैसा बनाने की घोषणा की गई थी, जहां विद्यार्थी 15 दिन तक समस्या समाधान न होने पर शिकायत कर सकता था। डा. दीक्षित का कहना था कि विद्यार्थी डिग्री और अंकतालिकाओं की समस्या को लेकर कोर्ट भी जाते हैं, इसलिए विवि में ही यह सुविधा मिलेगी।

हालांकि यह घोषणा मौखिक ही रह गई। पिछले साल मई में हुई इस घोषणा को अब तक अमल में नहीं लाया जा सका है।

एजेंसी ठीक करती है अंकतालिका और डिग्री

विवि में डिग्री बनने की पूरी प्रक्रिया ही उलझी हुई है। परीक्षा संबंधी काम एक एजेंसी के हवाले किया हुआ है। अंकतालिका या डिग्री में कोई गड़बड़ एजेंसी को ही ठीक करनी है। एजेंसी से बात करने का अधिकार कुलपति, कुलसचिव या परीक्षा नियंत्रक को ही है।एजेंसी को लेकर भी कई शिकायतें विवि प्रशासन के पास पहुंच चुकी हैं, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात है।वर्जनडिग्री की समस्या विकराल रूप ले चुकी है।

हम लगातार कोशिशें कर रहे हैं कि समस्याएं दूर हो सकें। एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।

- प्रो. अनिल वर्मा, प्रभारी, डिग्री विभाग 


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