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Ambedkar University Agra: डिग्री के दो लाख Offline आवेदन गठरी में बंद, रिकार्ड तक नहीं विवि के पास

Ambedkar University Agra 2015 से पहले अॉफलाइन होते थे आवेदन फीस भी है जमा। विवि प्रशासन करेगा पहले अॉनलाइन आवेदनों का निस्तारण।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 08:34 AM (IST)
Ambedkar University Agra: डिग्री के दो लाख Offline आवेदन गठरी में बंद, रिकार्ड तक नहीं विवि के पास
Ambedkar University Agra: डिग्री के दो लाख Offline आवेदन गठरी में बंद, रिकार्ड तक नहीं विवि के पास

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विवि में प्रोविजनल डिग्री के लिए लगभग दो लाख अॉफलाइन आवेदन गठरियों में बंद पड़े हैं। यह सभी आवेदन 2015 से पहले के हैं। इन आवेदनों के निस्तारण की योजना विवि प्रशासन की लिस्ट में अभी निचले स्तर पर है। पहले अॉनलाइन आवेदनों की डिग्रियों को निस्तारित किया जाएगा।

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विवि में 2015 से पहले प्रोविजनल डिग्री के लिए अॉफलाइन ही आवेदन होते थे। तत्कालीन कुलपति डा. अरविंद दीक्षित ने विद्यार्थियों को सुविधा देने के लिए अॉनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कराई। यह प्रक्रिया सुविधा की बजाय अब नुकसान पहुंचा रही है क्योंकि विद्यार्थियों को अब भी अपनी डिग्री के लिए विवि के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। 2015 से पहले आए लगभग दो लाख आवेदनों को गठरियों में बांध कर रख दिया गया है। इनका कोई रिकॉर्ड भी विवि के पास नहीं है। जबकि विद्यार्थियों द्वारा डिग्री के लिए निर्धारित फीस भी बैंक में जमा कर दी गई है। विवि प्रशासन द्वारा इन अॉफलाइन आवेदनों को डिजीटलाइज्ड कराने का फैसला लिया गया था,पर अभी तक यह काम नहीं हुआ है।

सात लाख से ज्यादा डिग्री हैं तैयार

कुलपति प्रो. अशोक मित्तल शिक्षकों को दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी के बाद जब डिग्री प्रभारी प्रो. अनिल वर्मा ने पिछले सालों का रिकॉर्ड निकलवाया तब पता चला कि 2015 से 2018 के बीच की सात लाख से ज्यादा डिग्रियां विवि में तैयार रखी हुई हैं। इन्हें प्रेषित ही नहीं किया गया है। चार सालों में केवल पांच हजार डिग्रियां ही निस्तारित हुई थीं।

पहले अॉनलाइन आवेदनों का होगा निस्तारण

डिग्री विभाग प्रभारी प्रो. अनिल वर्मा ने बताया कि पहले अॉनलाइन आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा। इनकी संख्या भी हजारों में है। विवि में 2015 से पहले का रिकॉर्ड अभी उपलब्ध नहीं है, इसलिए रिकॉर्ड मिलते ही उनका निस्तारण शुरू होगा। 


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