Ambedkar University Agra: तपती धूप, कोरोना का डर और भविष्य की चिंता के बीच खड़े विद्यार्थी
Ambedkar University Agra डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की हेल्प डेस्क पर दर्जनों विद्यार्थी आवेदन का स्टेटस जानने को खड़े रहे लाइन में। कर्मचारी हर विद्यार्थी को बुला रहे 45 दि
आगरा, जागरण संवाददाता। दिन-गुरूवार, समय- सुबह 12 बजे, स्थान- पालीवाल पार्क सि्थत डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य गेट के बाहर हेल्प डेस्क। डिग्री और अंकतालिका के आवेदन के लिए विद्यार्थियों की लाइन लगी हुई है। कोरोना के डर से मुंह पर मास्क बांधे, हाथों में फाइल पकड़े दर्जनों विद्यार्थी अपने आवेदन का स्टेटस जानने के लिए तपती धूप में खड़े हैं।लाइन लगातार लंबी होती जा रही है। हेल्प डेस्क की खिड़की के दूसरी तरफ बैठे कर्मचारी सभी विद्यार्थियों को एक ही जवाब दे रहे हैं कि 45 दिन बाद आना।
दो बार भर दी फीस
राजपुर चुंगी निवासी सुधा का मुंह गर्मी से लाल हो रहा था। बहते पसीने को साफ करते हुए सुधा ने बताया कि वे बीएड 2013 की प्रोवीजनल डिग्री के लिए 2014 से प्रयास कर रही हैं।पहले 2014 में फीस जमा की फिर 2019 में अॉनलाइन फीस जमा की।सुधा बताती हैं कि अब तो याद भी नहीं कि कितने चक्कर विवि के लगा चुकी हूं।
दसियों बार जमा कर दिए कागज
मधुनगर की पिंकी ने 2014 में बीए किया था।तब से लेकर अब तक हर विभाग में कई बार कागज जमा कर चुकी है, लेकिन डिग्री हाथ में नहीं आई है।पिंकी कहती है कि इतनी बार फोटोस्टेट करवा चुकी हूं कि फोटोस्टेट वाला भी पहचान गया है।
576 दिन से अटका है आवेदन
फतेहाबाद के रामलखन एक बंद खिड़की के सामने उसके खुलने का इंतजार कर रहे थे। पूछने पर बताया कि 576 दिन हो गए हैं आवेदन अटका हुआ है, आगे ही नहीं बढ़ रहा है। बीएससी की अंकतालिका चाहिए, अब भी हमें इस बंद खिड़की के सामने खड़ा होने का कहा है कि इंतजार करो, खिड़की खुलेगी तो सवाल करना। फतेहाबाद के ही आकाश भी अपनी बीएससी की डिग्री के लिए कई चक्कर काट चुके हैं, हर बार 45 दिन बाद का समय मिलता है।
रात में आठ बजे तक रूकती हूं...
गुरूवार को पूजा और प्रज्ञा नाम की दो छात्राएं अपने प्रार्थनापत्र के साथ हेल्प डेस्क के बाहर खड़ी थीं। दोनों ही एक समस्या के समाधान के लिए आईं थीं।दोनों ही री-एग्जाम में फेल थीं, फरवरी में उन्हें कहा गया था कि पास होने का एक और मौका दिया जाएगा।उसके बाद लॉकडाउन हो गया, अभी तक उन्हें जवाब नहीं मिला है। चीफ प्रोक्टर डा. मनोज श्रीवास्तव ने उनसे प्रार्थनापत्र लिए और परीक्षा समिति के सामने प्रस्ताव रखने का आश्वासन दिया। इस पर पूजा का कहना था कि वे तीन दिन से लगातार आ रही हैं, रात में आठ बजे तक रूकती है फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
विद्यार्थियों की समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, समस्या की जड़ को ढूंढा जा रहा है- डा. राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक