नशे के खात्मे की धुन में साइकिल से 2.17 लाख किमी का सफर, अमेरिका से आया बुलावा
महादेव रेड्डी कर रहे समाज को जागरूक। धर्म परिवर्तन कर बन गए अमनदीप सिंह खालसा।
आगरा, गगन राव पाटिल। करीब 12 वर्ष पूर्व बंगलुरू के गांव चिकातिरुपति निवासी महादेव रेड्डी (अब अमनदीप सिंह खालसा) के चाचा का नशे के कारण देहांत हो गया। इससे दुखी और सबक लेकर समाज को जागरूक करने की दिशा में वे निकल पड़े देश के सफर को। 11 साल में साइकिल से 2.17 लाख किमी का सफर तय कर डाला। इस कारण से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। उन्हें सम्मानित करने को अगले माह अमेरिका बुलाया गया है।
अमनदीप बुधवार को मथुरा के होली गेट स्थित गुरुद्वारा पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे पिछले 11 वर्षों से घर नहीं गए। धर्म परिवर्तन की वजह बताते हैं कि करीब 10 वर्ष पूर्व सिख धर्म से इतना प्रभावित हुए कि वे अमृतपान कर खालसा बन गए। हालांकि इसके चलते उन्हें समाज का विरोध भी झेलना पड़ा। नशे से चाचा की मौत के बाद उन्होंने लोगों को जागरूक करने की ठानी। सबसे ज्यादा समय तीन साल उन्होंने पंजाब में बिताया। क्योंकि वहांं सबसे अधिक युवा नशे के आदी हैं। कइयों से यह लत छुड़वाई। वहीं, अब तक 26 राज्य घूम चुके हैं। इस सफर में 35 हजार स्कूल और 50 हजार गांव घूम चुके हैं। जिसमें 1500 लोगों की लत छुड़ा चुके हैं। वे दवा भी लिखकर देते हैं। अब वे आगरा, ग्वालियर, नागपुर से होते हुए वापस अपने गांव लौटेंगे। वहीं, अमेरिका में उन्हें पुरस्कार स्वरूप 50 हजार डॉलर मिलेंगे, जिसे वे नेक काम में लगाएंगे।
इतना हो गया खर्च
खालसा का कहना है कि अब तक उनका दो लाख रुपया खर्च हो चुका है। वहीं, अपनी साइकिल में 60 किलो वजन लेकर चलते हैं। इसमें सामान, राशन, लैपटॉप भी मौजूद रहता है। इसके अलावा जगह-जगह घूमते हुए हिंदी, पंजाबी, इंग्लिश, तेलगू, कन्नड़ व तमिल बोलनी सीख चुके हैं।
अमेरिका में डॉक्टर बेटा
अमनदीप कहते हैं कि उनकी पत्नी सरकारी टीचर व बेटा अमेरिका में डॉक्टर है। उनकी एक बेटी भी है जिसमें हाल ही में शादी हुई है। मगर, वे शादी में जा नहीं सके। हालांकि फोन पर परिवार से सम्पर्क में रहते हैं।