Agra Air Pollution: ताजनगरी में हवा हुई जहरीली, एक्यूआइ पहुंचा 400 के पार
Agra Air Pollution केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वायु गुणवत्ता लगातार 31वें दिन खराब स्थिति में दर्ज की गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज हुआ 417 पर एक दिन पहले था 399 पर। शनिवार को सीजन की सबसे खराब हवा सांस लेना हुआ दूभर।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में शनिवार को वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई। इस सीजन की सबसे खराब हवा रहने से सांस लेना दूभर हो गया। आंखों में जलन की शिकायत रही। सुबह से शाम तक धुंध छाए रहने से दृश्यता प्रभावित रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 417 पर पहुंच गया, जो कि शुक्रवार के एक्यूआइ 399 से अधिक था। खतरनाक स्थिति में वायु गुणवत्ता के पहुंचने से स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ सकते हैं।
संजय प्लेस स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर सीपीसीबी प्रतिदिन आगरा में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी करता है। सीपीसीबी द्वारा तय मानकों के अनुसार वायु गुणवत्ता एक्यूआइ 0-50 तक रहने पर अच्छी, 51-100 तक संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब, 301-400 तक बहुत खराब और 401-500 तक खतरनाक हो जाती है। आगरा में दीपावली के बाद ही हवा में प्रदूषण का जहर अधिक घुलता है, लेकिन इस बार दीपावली से पूर्व ही बुरे हाल हो चुके हैं। करीब एक माह से वायु गुणवत्ता खराब, बहुत खराब और खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। जिम्मेदार विभागों ने इस ओर से आंखें मूंद रखी हैं। शनिवार को हवा में घुले कार्बन मोनोआक्साइड की अधिकतम मात्रा मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का करीब 38 गुना रही। अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के सात गुना से अधिक और न्यूनतम मात्रा मानक के पांच गुना से अधिक दर्ज की गई।
सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि इन दिनों हवा कम गति से चल रही है, जिससे धूल कण स्थिर हो गए हैं। इससे वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। तेज हवा चलने या फिर बारिश होने पर ही स्थिति में सुधार संभव है।
वायु प्रदूषण के मुख्य कारण
-शहर में चल रहे निर्माण कार्यों में धूल उड़ने से रोकने के इंतजाम नहीं होना।
-कई मार्गों के बंद होने से डायवर्जन लागू है, जिससे जाम लगने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
-शहर की सड़कों की उचित सफाई नहीं हो रही है। वाहनों के गुजरने पर धूल उड़ते रहते हैं।
-पुराना शहर, शाहगंज, लोहामंडी समेत अन्य मार्गों पर अतिक्रमण है। इससे जाम लगता है।
नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार
पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता ने बताया कि शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस लेना दूभर हो चुका है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार विभागों को केवल नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहा है। उसे वायु प्रदूषण करने वालों पर पर्यावरण को क्षतिपूर्ति पहुंचाने का जुर्माना लगाना चाहिए।
जल रहा है कूड़ा
कूड़ा जलने पर भी शहर में रोक नहीं लग पा रही है। शुभम सोनी ने बताया कि नालबंद के पास प्रतिदिन अंधेरा होते ही कूड़े में आग लगा दी जाती है। शुक्रवार शाम यहां कूड़े में आग लगा दी गई थी, जिससे हुए धुएं के साथ विषैली गैसें हवा में मिलती रहीं।
पिछले कुछ दिनों में एक्यूआइ की स्थिति
तिथि, एक्यूआइ, स्थिति
1 नवंबर, 339, बहुत खराब
2 नवंबर, 271, खराब
3 नवंबर, 264, खराब
4 नवंबर, 276, खराब
5 नवंबर, 373, बहुत खराब
6 नवंबर, 399, बहुत खराब
7 नवंबर, 417, खतरनाक
प्रदूषक तत्वों की स्थिति
प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत
कार्बन मोनोआक्साइड, 1, 151, 46
नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड, 48, 179, 106
ओजोन, 3, 216, 183
अति सूक्ष्म कण, 318, 454, 417
प्रदेश में चौथा प्रदूषित शहर रहा
आगरा शनिवार को देश के प्रदूषित शहरों में 14वां और प्रदेश में चौथा शहर रहा। देश में धौरेरा सबसे अधिक प्रदूषित रहा। उप्र में गाजियाबाद (436), ग्रेटर नोएडा (428) और बुलंदशहर (418) आगरा से अधिक प्रदूषित रहे।