टीटीजेड में वायु प्रदूषण के आधार पर तय होगी उद्योगों की श्रेणी
वायु प्रदूषण ने फैलाने वाले उद्योगों को मिलेगी राहत, पर्यावरण मंत्रालय की उ'च स्तरीय समिति कर रही विचार
आगरा (जागरण संवाददाता): टीटीजेड क्षेत्र में उद्योगों के लिए वायु प्रदूषण के आधार पर श्रेणी तय की जाएगी। इससे टीटीजेड क्षेत्र के हजारों उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद है। उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के कारकों में टीटीजेड क्षेत्र के लिए वायु प्रदूषण को प्रमुख माना जाएगा।
उद्योगों को प्रदूषण के आधार पर व्हाइट, ग्रीन, ऑरेंज और रेड कैटेगरी में वर्गीकृत किया गया है। इनके आधार पर उद्योगों को पर्यावरण विभाग सहित अन्य विभागों से एनओसी लेनी होती है। व्हाइट कैटेगरी को प्रदूषण विभाग से एनओसी की छूट है। पर्यावरण मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति टीटीजेड क्षेत्र में वायु प्रदूषण के आधार पर उद्योगों की श्रेणी तय करने पर विचार कर रही है। कुछ उद्योगों जल प्रदूषण के आधार पर ग्रीन या ऑरेंज श्रेणी में शामिल किए गए है जबकि उनसे वायु प्रदूषण नहीं होता। ऐसे उद्योगों को व्हाइट या ग्रीन श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
उच्च स्तरीय समिति का मानना है कि ताजमहल को सबसे अधिक नुकसान वायु प्रदूषण से होता है। ऐसे में वायु प्रदूषण के नियमों को सख्त कर अन्य कारकों से होने वाले प्रदूषण में छूट दी जानी चाहिए।
कैसे तय होती है श्रेणी
पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले कारकों को ध्यान में रखते हुए उद्योगों को चार श्रेणियों में बाटा गया। इनके वर्गीकरण के लिए वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और उद्योगों से निकलने वाले खतरनाक अवयव को शामिल किया गया है। इनमें वायु प्रदूषण के 40 अंक, जल प्रदूषण के 40 और खतरनाक अवयव के लिए 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। उद्योगों की विभिन्न श्रेणी के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए जाते हैं। प्राप्त अंकों को पॉल्यूशन इंडेक्स कहा जाता है। इसी पॉल्यूशन इंडेक्स के आधार पर उद्योगों की श्रेणी तय की जाती है।
60 और इससे अधिक अंक -रेड कैटेगरी
41 से 59 अंक-ऑरेंज कैटेगरी
21 से 40 अंक-ग्रीन कैटेगरी
20 या इससे कम अंक-व्हाइट कैटेगरी टीटीजेड क्षेत्र में ताज संरक्षण को लेकर वायु प्रदूषण पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। वायु प्रदूषण के आधार पर उद्योगों की श्रेणी तय करने का उच्च स्तरीय समिति को सुझाव दिया गया है। सकारात्मक फैसला आने की उम्मीद है।
योगेश कुमार, उपायुक्त, उद्योग