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न्यू दक्षिणी बाइपास में हुआ बड़ा स्टांप घोटाला, जानिए कैसे

खनिज विभाग में मिट्टी खनन के परमिट में लगे थे 12 लाख के स्टांप अफसर व कर्मचारियों की मिलीभगत से नहीं इन्कार नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ता है बाइपास

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:25 AM (IST)
न्यू दक्षिणी बाइपास में हुआ बड़ा स्टांप घोटाला, जानिए कैसे
न्यू दक्षिणी बाइपास में हुआ बड़ा स्टांप घोटाला, जानिए कैसे

आगरा, जागरण संवाददाता। न्यू दक्षिणी बाइपास में स्टांप घोटाला हुआ है। मिट्टी खनन के परमिट में लगे स्टांप को संबंधित कंपनी को बेच दिया गया। इस कार्य में खनिज विभाग के अफसर व कर्मचारियों पर शक है। शिकायत पर डीएम एनजी रवि कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए न्यू दक्षिणी बाइपास बनाया गया है। इसका निर्माण वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। यह कार्य 2016 में पूरा हुआ। 32 किमी लंबे रोड को जमीन से ऊंचाई पर बनाया गया है। बाइपास के निर्माण का ठेका पीएनसी इंफ्राटेक को मिला था। रोड के समतलीकरण को लेकर कंपनी ने खनिज विभाग से मिंट्टी खनन की अनुमति मांगी। मिट्टी खनन की अनुमति मिल गई और कंपनी द्वारा स्टांप भी जमा करा दिया गया। सूत्रों के अनुसार 9 जनवरी 2018 को कंपनी ने 12 लाख रुपये के स्टांप वापसी के लिए प्रार्थना पत्र दिया। कंपनी का कहना था कि स्टांप पेपर की उचित कटौती कर बकाया राशि को वापस करने की मांग की गई। निबंधन विभाग में दिए गए प्रार्थना पत्र की जांच की गई तो पता चला कि खनन के परमिट में लगाए गए स्टांप तो पहले ही कंपनी को दिए जा चुके हैं। कंपनी ने रिफंड के लिए आवेदन किया। यह सब खनिज विभाग के अफसर व कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है। इससे विभाग को 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

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शिकायतों को पचा गए अफसर

खनिज विभाग के अफसरों से स्टांप घोटाले को लेकर कई शिकायतें की गई, लेकिन तत्कालीन अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक शिकायतों को पचा गए।

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- कंपनी ने बचे हुए स्टांप की वापसी के लिए आवेदन किया था। अन्य कोई गड़बड़ी नहीं की गई है।

योगेश जैन, निदेशक पीएनसी इंफ्राटेक

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- न्यू दक्षिणी बाइपास में स्टांप घोटाले की शिकायत की जांच के आदेश दिए गए हैं। खनिज विभाग के दोषी अफसर व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

एनजी रवि कुमार, डीएम

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न्यू दक्षिणी बाइपास एक नजर में

- रुनकता, नेशनल हाईवे-19 (पूर्व में दो) को ग्वालियर रोड से जोड़ता है।

- बाइपास बनने से मथुरा से सीधे वाहन ग्वालियर व जयपुर के लिए जा सकते हैं।

- बाइपास न बनने से पूर्व वाहन शहर से होकर गुजरते थे। इससे एमजी रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता था।

- न्यू दक्षिणी बाइपास की लंबाई 32.8 किमी है।

- बाइपास के निर्माण पर 450 करोड़ रुपये की लागत आई है

- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) आगरा खंड की निगरानी में पीएनसी इंफ्राटेक ने बाइपास का निर्माण किया है।

- बाइपास का निर्माण जुलाई 2011 में शुरू हुआ था।

- अक्टूबर 2016 में बाइपास का निर्माण पूरा हुआ था। फिर इसे जनता के लिए खोल दिया गया।


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