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हे भगवान, ताजनगरी में अंतिम संस्कार के लिए जगह पड़ गई कम

सात श्मशान घाटों पर 226 शवों की जली चिताएं मोक्षधाम ताजगंज में जगह पड़ गई कम पहुंचे 54 शव प्रशासन और नगर निगम के इंतजाम हुए ध्वस्त लोगों को नहीं मिला पानी और मास्क

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 05:05 AM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 05:05 AM (IST)
हे भगवान, ताजनगरी में अंतिम संस्कार के लिए जगह पड़ गई कम
हे भगवान, ताजनगरी में अंतिम संस्कार के लिए जगह पड़ गई कम

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में मंगलवार को 11 कोविड मरीजों की मौत के साथ ही अंतिम संस्कार के रिकार्ड टूट गए। घाटों में हर दस से 15 मिनट में एक चिता जली। मोक्षधाम ताजगंज में तो जगह कम पड़ गई। अंतिम संस्कार के लिए लोगों को एक घंटा से लेकर साढ़े तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। यहां तक लोगों ने यमुना नदी की तलहटी के पास चिताएं जलाईं।

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अगर पिछले सात दिनों की बात की जाए तो हर दिन सात श्मशान घाटों पर 180 से 210 तक शव पहुंच रहे थे। सोमवार को यह संख्या 215 तक पहुंच गई जबकि मंगलवार को रिकार्ड ही टूट गए। 226 शवों का अंतिम संस्कार हुए। सबसे अधिक अंतिम संस्कार मोक्षधाम ताजगंज में 54 हुए। हाल यह रहा कि प्रशासन और नगर निगम के सभी इंतजाम ध्वस्त हो गए। लोगों को न पीने का पानी मिला और न ही मास्क। दो घंटे के बाद शव का अंतिम संस्कार : मधुनगर निवासी शिवेंद्र कुमार ने बताया कि बीमारी से एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी। मोक्षधाम ताजगंज पहुंचे तो जगह नहीं मिली। दो घंटे के इंतजार के बाद नंबर आया तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया। खत्म हुई लकड़ियां तो खुद किया इंतजाम : मलका चबूतरा स्थित श्मशान घाट में मंगलवार शाम लकड़ियां खत्म हो गईं। इससे अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे लोगों को परेशान होना पड़ा। लोगों ने अपने स्तर से आसपास के क्षेत्र से लकड़ियां खरीदीं तब जाकर अंतिम संस्कार हो सके। विद्युत शवदाह गृह की दो भट्ठी हुई खराब, कई घंटे नहीं बांटा गया टोकन

ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह की दो भट्ठी जवाब दे दी गई हैं। रविवार शाम को पहली और मंगलवार को दूसरी भट्ठी खराब हो गई। दोनों भट्ठियों को ठंडा होने के लिए छोड़ दिया गया है। इसमें दो से तीन दिन का समय लगेगा। सात साल पूर्व विद्युत शवदाह गृह चालू हुआ था। पिछले 15 दिनों के भीतर हर दिन तीस से चालीस शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। व्यवस्था संभालने के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ विनोद कुमार की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि 600 से एक हजार डिग्री सेलसियस तापमान पर शव का अंतिम संस्कार होता है। चार में से दो भट्ठी खराब होने के चलते मंगलवार को टोकन का वितरण नहीं किया गया। इसके चलते अधिकांश स्वजन शवों को लेकर मोक्षधाम में चले गए। उन्होंने बताया कि रविवार को जो भट्ठी खराब हुई थी। वह अभी तक ठंडी नहीं हुई है। जिसके चलते उसकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। दोनों भट्ठियों की मरम्मत में चार से छह दिन का समय लगेगा। कहां पर कितने हुए अंतिम संस्कार

मोक्षधाम ताजगंज, 54

विद्युत शवदाह गृह, 30

मलका चबूतरा, 40

फाउंड्रीनगर, 28

बल्केश्वर, 35

पोइया घाट, 21

कैलाश घाट, 18 हर दिन जारी हो रहे 140 मृत्यु प्रमाण पत्र : नगर निगम से एक माह पूर्व तक हर दिन 100 जन्म और 60 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे लेकिन वर्तमान में स्थिति उलट हो गई है। मंगलवार को 140 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए। दोनों प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन करना होता है।


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