1008 दीपों की आरती से भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु
आगरा: पर्यूषण पर्व पर सुगंध दशमी का पर्व जिनालयों में धूमधाम से मनाया गया।
आगरा: पर्यूषण पर्व पर सुगंध दशमी का पर्व जिनालयों में धूमधाम से मनाया गया। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मानस्तंभ की 1008 दीपों से महाआरती से माहौल भक्तिमय हो गया।
आवास विकास कॉलोनी स्थित शातिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्री जी का अभिषेक हुआ। पंडित मोहित शास्त्री ने बताया कि भाद्रमाह की सुगंध दशमी को दिगंबर जैन समाज के पर्यूषण दशलक्षण पर्व का छठा दिन उत्तम संयम का होता है। इस दिन को धूप दशमी के रूप में मनाया जाता है। धूप में भगवान के दर्शन के साथ धूप चढ़ाकर खुशबू फैलाते हैं। कामना करते हैं कि इस धूप की तरह ही हमारा जीवन भी हमेशा महकता रहे। इस दौरान शातिनाथ युवा मंच ने बाहुबली भगवान का मस्तकाभिषेक किया। भगवान महावीर स्वामी की झूला पालने की झाकी सजाई। झाकी का उद्घाटन राजेश कुमार जैन व विपिन जैन ने किया। महावीर स्वामी को झूला पालना पुष्पा जैन और मगन कुमार जैन ने झुलाया। शातिनाथ युवा मंच के राकेश जैन, राहुल जैन, अनुराग जैन, संजय जैन जलेसर, आशीष जैन, विशाल जैन, अमित जैन, अनंत जैन, वैभव जैन, चंदन जैन, दीपक बैनारा, मोहित जैन, राहुल जैन शामिल रहे। शातिनाथ दिगंबर जैन मंदिर प्रबंध समिति ने थाल सजाओ व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया। श्री दिगंबर जैन शिक्षा समिति के संयोजन में श्री शातिनाथ दिगंबर जैन मंदिर हरी पर्वत में मानस्तंभ की महाआरती भजन संध्या के साथ हुई। मंत्री राकेश जैन ने बताया कि मानस्तंभ की महाआरती प्रत्येक वर्ष धूप दशमी पर होती है। मंगलाचरण उषा जैन ने किया। भगवान महावीर के चित्र का अनावरण प्रदीप जैन, भोलेनाथ जैन, विमल जैन ने किया। दीप प्रज्ज्वलन मेयर नवीन जैन, जितेंद्र जैन, अखिल बारोलिया, चंदा बाबू जैन, हीरालाल बैनाड़ा ने किया। प्रथम आरती का सौभाग्य निर्मल जैन मोठिया व उनके परिवार को मिला। 1008 दीपों से लोगों ने आरती की। जैन धर्म पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी गई। श्री 1008 चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर नाई की मंडी में सुगंध दशमी का पूजन हुआ। सुबह भगवान चंद्रप्रभु व शांतिनाथ भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। शाम को जैन छात्रावास के छात्रों ने मंगल आरती की। निर्मल मोढया, राजेश सेठी, तरुण, शुभम जैन, अनिमेष मौजूद रहे। रसोईघर में पढ़ें संयम का पाठ
आगरा: हरीपर्वत स्थित श्री शांतिसागर सभागार में धर्मसभा में आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज ने कहा कि जिस संयम, नियम का पालन करने में आप भयभीत होते हैं। वह संयम जीवन के क्षेत्र में जरूरी है। संयम का पाठ सबसे पहले रसोईघर से सीख सकते हैं। किस चीज में कितना नमक, घी मसाला डालना है, आप वहां से सीखें।