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'क्विक सर्विस' के नाम पर विवि की डबल वसूली

आगरा, जेएनएन: आंबेडकर विश्वविद्यालय ने डिग्री प्रणाली में सुधार के लिए 'क्विक सर्विस' शुरू की है, जिससे छात्रों को दोहरी फीस देने पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 07:02 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:02 AM (IST)
'क्विक सर्विस' के नाम पर विवि की डबल वसूली
'क्विक सर्विस' के नाम पर विवि की डबल वसूली

आगरा, जेएनएन: आंबेडकर विश्वविद्यालय ने डिग्री प्रणाली में सुधार के लिए 'क्विक सर्विस' शुरू की है। इस व्यवस्था की वजह से दो लाख छात्रों को डिग्री के लिए दोबारा फीस जमा करनी पड़ेगी।

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विश्वविद्यालय की नई व्यवस्था ऑनलाइन है। इसके तहत नया आवेदन करने वाले छात्रों को 25 दिन में कंप्यूटराइज्ड और एक दिन में प्रोविजनल डिग्री दी जानी है। ऐसे में विवि में डिग्री के लिए आवेदन करने वाले करीब दो लाख छात्रों को झटका लगा है। महीनों इंतजार के बाद भी उनका काम नहीं हुआ और फीस भी बेकार गई। ऑनलाइन आवेदन करने पर उन्हें दोबारा फीस देनी पड़ रही है। दो बार फीस फिर भी देरी

विवि द्वारा क्विक सर्विस के नाम पर पुराने आवेदनकर्ताओं से दोबारा फीस ली जा रही है। इसके बाद भी छात्रों को तय समय में डिग्री नहीं मिल पा रही। अभी भी डिग्री के लिए दो से तीन महीने लग रहे हैं। जागरण ने पहले भी डिग्री लेने में छात्रों को हो रही समस्या को उजागर करते हुए अभियान चलाया था। इसके बाद प्रोविजनल डिग्री देने में राहत दी गयी। आठ करोड़ का मुनाफा

दो लाख छात्रों की डिग्री पेंडिंग है। ऐसे में डिग्री के लिए औसतन एक छात्र को 400 रुपये फीस देनी पड़ती है तो विवि के खाते में आठ करोड़ रुपये जमा होते हैं। अब दोबारा ऑनलाइन आवेदन करने पर विवि को इतनी ही फीस दोबारा मिलेगी। -बैकलॉग में हजारों आवेदन हैं। उन सभी की डिग्री बनाने में समय लगेगा। नई व्यवस्था के तहत हर फॉर्म की टै्रकिंग हो रही है, जिससे जल्द डिग्री मिलेगी।

गिरजाशंकर शर्मा, पीआरओ विवि


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