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दिवालियापन में कानूनी कार्रवाई संभव

जागरण संवाददाता, आगरा: दिवालियापन की स्थिति तब बनती है, जब कोई व्यक्ति या संगठन अपने ऋणदाता के बकाया

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 08:29 PM (IST)
दिवालियापन में कानूनी कार्रवाई संभव
दिवालियापन में कानूनी कार्रवाई संभव

जागरण संवाददाता, आगरा: दिवालियापन की स्थिति तब बनती है, जब कोई व्यक्ति या संगठन अपने ऋणदाता के बकाया वित्तीय ऋण को चुकाने में असमर्थता जताता है। इसका हल न होने पर दिवालिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है। उसकी संपत्ति बकाया ऋण भुगतान के लिए बेची जा सकती है। सोमवार को जीवनी मंडी स्थित नेशनल चैंबर सभागार में इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 पर हुई सेमिनार में कंपनी सेक्रेटरी प्रमोद कुमार शर्मा ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, 2016 के बारे में बताया कि यह एक ऐसा कोड है जिसमें विभिन्न अधिनियमों में निहित कंपनियों और सीमित देयता संस्थाओं, साझेदारी और व्यक्तियों के दिवालियापन प्रस्ताव से संबंधित कानूनों को एक स्थान पर संग्रहीत और संशोधित किया गया है। इसका उद्देश्य देनदार की संपत्ति के मूल्य को अधिकतम करने के लिए समयबद्ध तरीके से पुनरुत्थान करना है।

बीमार कंपनियों का पुनरुद्धार संभव

संहिता ने बीमार कंपनियों को व्यापार को बंद करने या पुनरुद्धार योजना द्वारा वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए एक व्यापक ढाचा दिया है। कोड ने डिफॉल्ट होने पर दिवालियापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए परिचालन लेनदारों (कार्यकर्ताओं, आपूर्तिकर्ताओं आदि) को भी अधिकार दिया है। दिवालियापन की स्थिति में भारत सरकार द्वारा नियुक्त इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल व लिक्डिेटर, संपत्ति को समझकर दिवालिया के लेनदारों के बीच आवंटित करता है।

कॉपोरेट दिवालियापन संकल्प के लिए वित्तीय ऋणदाता, परिचालन ऋणदाता, कॉर्पोरेट देनदार आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने लिए न्यूनतम ऋणसीमा एक लाख रुपये व व्यक्तिगत एवं फर्म के खिलाफ आवेदन करने के लिए न्यूनतम ऋण सीमा बीस हजार रुपये है। ऋण पर विवाद की दशा में कॉर्पोरेट दिवालियपन संकल्प के लिए आवेदन नहीं किया जा सकता। आवेदन स्वीकृत होने के बाद दिवालियापन संकल्प प्रक्रिया 180 से 270 दिनों मे पूरी होनी चाहिए। फास्ट ट्रैक कॉर्पोरेट दिवालियापन संकल्प प्रक्रिया में समापन समय 90 दिन है। इस दौरान विश्नू भगवान अग्रवाल, सीएस रेखा कुशवाह, चैंबर उपाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, सुनील सिंघल, सतीश चंद्र गुप्ता, प्रदीप कुमार वाष्र्णेय, अमर मित्तल, अतुल गुप्ता, अनूप जिंदल, आलोक फरसैया, अनूप गोयल, राजेंद्र गर्ग आदि मौजूद रहे।


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