Move to Jagran APP

नोट निकालने के चक्कर में फट गई उत्तर पुस्तिका

आगरा (जागरण संवाददाता): बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में निकलने वाले सौ, दो सौ, पांच सौ रुप

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 11:18 AM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 11:18 AM (IST)
नोट निकालने के चक्कर में फट गई उत्तर पुस्तिका
नोट निकालने के चक्कर में फट गई उत्तर पुस्तिका

आगरा (जागरण संवाददाता): बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में निकलने वाले सौ, दो सौ, पांच सौ रुपये के नोटों को निकालना परीक्षकों के लिए अब आसान नहीं रह गया है। कॉपी से नोट निकालने में अब परीक्षकों को सामूहिक रूप से वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिखाना पड़ रहा है और गणित भी लगाना पड़ रहा है। फिर भी गारंटी नहीं है कि नोट और कॉपी सुरक्षित रहे। इसकी बानगी मंगलवार को जीआइसी में मूल्यांकन कार्य के दौरान देखने को मिली।

loksabha election banner

इंटरमीडिएट के एक छात्र ने भौतिक विज्ञान की कॉपी में पांच सौ रुपये का नोट बिटुमिन से चिपका दिया था। परीक्षक के सामने जब यह कॉपी आई तो वह छात्र की कलाकारी देख हैरान रह गए। उन्होंने अन्य साथी परीक्षकों को उक्त कॉपी को दिखाया। साथ ही सलाह भी ली कि कैसे कॉपी से नोट को सुरक्षित निकाला जाए। परीक्षक नोट को कॉपी से अलग करने में जुट गए। परीक्षक के हाथ काले हो गए लेकिन नोट कॉपी से नहीं निकला। इसके बाद परीक्षकों ने वैज्ञानिक नजरिया अपनाया और गणित लगाया। निर्णय हुआ कि नोट को निकालने में कॉपी के पन्ने फट सकते हैं। इसके बाद नोट को बिटुमिन समेत खींचा गया, इसी दौरान कॉपी के दो पन्नों में जगह-जगह छेद हो गए। इसके बाद परीक्षक ने बिटुमिन सहित नोट जेब में रख लिया। अन्य कॉपियों में शेरो-शायरी, पास करने के निवेदन लिखे हुए परीक्षकों को मिले हैं।

समय से पूरा नहीं हो पाएगा बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन

जासं, आगरा: उप्र बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा करने का समय 31 मार्च है, लेकिन तय सीमा तक मूल्यांकन पूरा होना संभव नहीं दिख रहा।

बोर्ड परीक्षा में नकल पर सख्ती के बाद वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक भी मूल्यांकन कार्य से दूर हो गए। दो सौ कॉलेज तो ऐसे हैं, जिन्होंने मूल्यांकन कार्य के लिफाफे भी रिसीव नहीं किए। शहर के पांच मूल्यांकन केंद्रों पर सत्तर फीसद परीक्षक नहीं पहुंचे। विभाग के बुलावे पर एमए डिग्रीधारक अभ्यर्थी और रिटायर्ड शिक्षक भी नहीं आए। अभी तक आधा काम भी पूरा नहीं हुआ है, इससे मूल्यांकन अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक खिंचने की आशंका है।

पावना पत्र नहीं आए

क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय मेरठ से अभी तक मूल्यांकन केंद्रों के लिए पावना पत्र नहीं आए हैं। पावना पत्र के अभाव में परीक्षकों का बिल तैयार नहीं हो पा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.