Mock drill of Death: श्री पारस हॉस्पिटल प्रकरण में पुलिस की ढिलाई, नहीं भेजी आख्या, वकील मिलेंगे अफसरों से
अब नौ अगस्त को होगी इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई। अधिवक्ताओं के पैनल ने पीड़ित अशोक चावला की ओर से सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया था प्रार्थना पत्र। अदालत ने थाने को नौ अगस्त तक आख्या प्रस्तुत करने के दिए आदेश।
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री पारस अस्पताल प्रकरण में पीड़ित की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। पुलिस द्वारा अदालत में आख्या प्रस्तुत नहीं की गई। इस पर सीजेएम की अदालत ने सुनवाई के लिए अब नौ अगस्त की तारीख निर्धारित की है। अदालत ने थानाध्यक्ष न्यू आगरा को नौ अगस्त तक अपनी आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
श्री पारस अस्पताल के संचालक का कथित वीडियो सात जून को इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें आक्सीजन की बंद करने की माक ड्रिल की बात कही गई थी। जिसमें 22 लोगों की मौत हाेने का मामला उठा था। पुलिस ने न्यू आगरा थाने में अस्पताल संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट व भ्रम फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं मृतकों के स्वजन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों को निश्शुल्क कानूनी सहायता देने के लिए युवा अधिवक्ता संघ ने पैनल बनाया है।
पैनल ने छत्ता निवासी पीडित अशोक चावला की ओर से मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा ने बताया कि पैनल अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रहा था। मगर, पुलिस द्वारा अदालत को आख्या उपलब्ध नहीं कराई गई थी। इस पर पैनल ने अदालत काे अवगत कराया कि एक अन्य पीड़ित राजू यादव का प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। जिस पर नौ अगस्त को सुनवाई होनी है। इस पर पर सीजेएम की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए नौ अगस्त की तारीख निर्धारित की है।
पुलिस के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन
अधिवक्ताओं ने पुलिस पर न्याय दिलाने में विलंब करने पर आक्रोश जताया। दीवानी परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन किया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मामले में शनिवार को अधिकारियों से मिलने का फैसला किया। सांकेतिक प्रदर्शन करने वाले अधिवक्ताओं में नितिन वर्मा, सुनील शर्मा, जेके पाठक, योगेश लवानियां, हेमेंद्र पाठक, उमेश वर्मा, मंजू द्विवेदी, कृष्ण मुरारी माहेश्वरी, पंकज सिंह व श्रेष्ठा मिश्रा आदि थे।