नस दबने से हो सकता है हाथ का दर्द, झनझनाहट
जागरण संवाददाता, आगरा: हाथ में झनझनाहट और दर्द भी है। यह गर्दन से उंगली के बीच की नस के दबने से हो स
जागरण संवाददाता, आगरा: हाथ में झनझनाहट और दर्द भी है। यह गर्दन से उंगली के बीच की नस के दबने से हो सकता है। इसके साथ ही हाथ और कलाई की विकृति सहित उंगली के कट जाने पर अस्थि रोग विशेषज्ञों ने चर्चा की। रविवार को होटल अमर में आगरा ऑर्थोपेडिक सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यशाला में देश भर से आए चिकित्सकों ने इलाज की नई तकनीकी पर मंथन किया।
डॉ. पंकज जिंदल, पुणे व डॉ. सुधीर रांची ने बताया कि हाथ में झनझनाहट व दर्द होने पर डॉक्टर और मरीज गंभीरता से नहीं लेते हैं। दर्द बढ़ने पर डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, वे तमाम तरह की जांच करा लेते हैं। इसकी जरूरत नहीं है, हाथ में झनझनाहट और दर्द है तो यह नस के दबने के कारण हो सकता है। गर्दन से लेकर हाथ की उंगली तक नस होती हैं। मरीज के लक्षण से यह पता चल सकता है कि किस जगह नस दबी हुई है या बैंड है। इसे इंजेक्शन और ऑपरेशन से सही किया जा सकता है। इसी तरह से हाथ का अंगूठा और उंगली कट गई है, जलने से हाथ में विकृति है तो माइक्रो सर्जरी से इसे सही किया जा सकता है। इस दौरान डॉ. पीपी कोतवाल, डॉ. ताहिर दिल्ली, डॉ. शुभ मल्होत्रा लखनऊ, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. संजय धवन आगरा ने व्याख्यान दिए। इस दौरान डॉ. अशोक विज, डॉ. अरुण कपूर, डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ, डॉ. अरुण गुप्ता, डॉ. सीपी पाल, डॉ. विवेकानंद, डॉ. केएस दिनकर आदि मौजूद रहे।
छह घंटे तक जोड़ा जा सकता है कटा हुआ हाथ
दुर्घटना में हाथ और उंगली के कट जाने पर उसे छह घंटे के अंदर जोड़ा जा सकता है। कटे हुए हिस्से को पॉलीथिन में बंद कर दें, जिससे उसके संपर्क में कोई और चीज न आए। उसे एक डिब्बे में रखें और बगल में बर्फ रख दें, जिससे वह ठंडा रहे। मरीज के साथ कटे हुए हाथ को छह घंटे के बीच डॉक्टर के पास लेकर पहुंचने पर जोड़ा जा सकता है। इसी तरह से अंगूठा कट गया है तो पैर की उंगली से हाथ का अंगूठा तैयार किया जा सकता है।