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अब 10 और 14 के फेर में पुलिस-प्रशासन

जागरण संवाददाता, आगरा: दो अप्रैल को बंद के दौरान ताजनगरी में हुए बवाल का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 11:47 PM (IST)
अब 10 और 14 के फेर में पुलिस-प्रशासन
अब 10 और 14 के फेर में पुलिस-प्रशासन

जागरण संवाददाता, आगरा: दो अप्रैल को बंद के दौरान ताजनगरी में हुए बवाल का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। खुफिया एजेंसियों से बुधवार को बंद का इनुपट मिलने के बाद अधिकारी पूरे दिन सतर्क रहे। शहर में फोर्स गश्त करता रहा, बंद की आशंका निर्मूल साबित होने के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी अब 10 और 14 अप्रैल के फेर में फंस गए हैं। इसकी वजह सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज हैं। इसमें आरक्षण के विरोध में सवर्णो द्वारा 10 अप्रैल को बंद रखने का मैसेज चल रहा है। इसके जवाब में दूसरा मैसेज भी वायरल हो रहा है, इसमें कहा जा रहा है कि यदि 10 अप्रैल को प्रदर्शन होता है तो दलित समाज भी 14 अप्रैल को प्रदर्शन करेगा।

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एससी/एसटी एक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के विरोध में दलित समुदाय ने दो अप्रैल को भारत बंद का एलान किया था। प्रदर्शन के दौरान शहर में जमकर बवाल हुआ, पुलिस चौकी फूंक दी। पुलिसकर्मियों की बाइक और कॉलेज बस में आग लगा दी थी। छह घंटे तक चले बवाल में पुलिस-प्रशासन उपद्रवियों के सामने बेबस नजर आया था। बवाल में शामिल एक दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों को शांति भंग में पाबंद कर चुकी है।

पुलिस-प्रशासन के अधिकारी उपद्रवियों को चिन्हित करने की कार्रवाई पूरी नहीं कर सके हैं। इससे पहले उनके सामने 10 और 14 अप्रैल को लेकर चल रहे मैसेजों ने चुनौती खड़ी कर दी है। अधिकारी इससे निपटने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले इन मैसेज पर साइबर टीम पूरी तरह से नजर रख रही है। इन मैसेज को अन्य ग्रुपों में फारवर्ड और पोस्ट करने वालों का पता लगाने की कोशिश में जुट गयी है।

सोमवार को हुए प्रदर्शन के दौरान बवाल में सोशल मीडिया में वायरल होने वाले मैसेजों की भूमिका अहम रही थी। इसके चलते पुलिस दोनों दिनों को लेकर वायरल होने वाले सभी मैसेज को गंभीरता से ले रही है। इन मैसेज के पीछे कितनी सच्चाई है, इसकी भी छानबीन कर रही है। ताकि प्रदर्शनकारियों पर प्रभावी अंकुश के लिए फोर्स को पहले से सतर्क रखा जाए।

सुनियोजित साजिश का हिस्सा तो नहीं

सोशल मीडिया में 10 और 14 अप्रैल को लेकर वायरल होने वाले मैसेजों के पीछे सुनियोजित साजिश तो नहीं है। साइबर सेल इसकी भी छानबीन कर रही है। यह मैसेज किसकी आइडी से शेयर और फारवर्ड किए गए हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। आशंका है कि इन मैसेज के पीछे किसी शातिर दिमाग या अराजक तत्वों का हाथ भी हो सकता है। जो जानबूझकर माहौल को खराब करने की कोशिश करने का प्रयास कर रहे हों।


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