स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट, आवास खाली करने को नोटिस
जागरण संवाददाता, आगरा: तूफान की आशंका पर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क है। एसएन जिला अस्पताल और सीएचसी की
जागरण संवाददाता, आगरा: तूफान की आशंका पर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क है। एसएन जिला अस्पताल और सीएचसी की इमरजेंसी में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही दवाओं का स्टॉक किया गया है। लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय सहित सरकारी अस्पतालों के जर्जर आवास दो दिन के लिए खाली करने के नोटिस चस्पा किए गए हैं।
तूफान के बाद घायलों को इलाज मिल सके, इसके लिए एसएन और जिला अस्पताल की इमरजेंसी में व्यवस्था की गई है। यहां घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा, इसके लिए इमरजेंसी पर एंबुलेंस रहेंगी। वहीं, सीएचसी पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि तूफान आने पर घायलों को उनकी नजदीक ही इलाज मिल सके, इसके लिए सीएचसी से लेकर एसएन में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई है। पोस्टमॉर्टम के लिए भी डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है।
वहीं, लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय के आवास को आठ मई तक खाली करने का नोटिस चस्पा किया है। एसएन और जिला अस्पताल की जर्जर बिल्डिंगों को भी खाली करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में रहेंगे डॉक्टर
आगरा: स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में भी डॉक्टर उपलब्ध होंगे। तूफान से मची तबाही और गर्मी में फैल रहे डायरिया के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
जिले में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं। यहां दो से तीन डॉक्टर कार्यरत हैं। इसके साथ ही स्टाफ नर्स, फार्मेसिस्ट और वार्ड ब्वॉय भी हैं। मगर, सीएचसी पर रात में डॉक्टर नहीं रहते हैं। स्टाफ नर्स ही प्रसव सहित अन्य कार्य कर रही हैं। 11 अप्रैल और दो मई को आए तूफान के बाद जो घायल सीएचसी पहुंचे थे, उन्हें आगरा रेफर कर दिया गया। अब इस तरह की परिस्थिति में घायलों को सीएसची पर ही इलाज मिल सके, यह प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सभी चिकित्सा अधीक्षकों को रात में डॉक्टर तैनात करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि सीएचसी पर 24 घंटे डॉक्टर तैनात रहेंगे। इसका औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। जहां डॉक्टर नहीं मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सीएचसी पर दवाओं के साथ एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। इसी तरह से पीएचसी पर भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। गांवों में शिविर लगाएंगे डॉक्टर
गर्मी में डायरिया के केस बढ़ जाते हैं, एत्मादपुर के दो गांवों में डायरिया से तीन मौत हो चुकी हैं। ऐसे में सीएचसी और पीएचसी पर तैनात डॉक्टर दूर दराज के गांवों में चिकित्सा शिविर लगाएंगे। मरीजों को परामर्श देने के साथ ही दूषित पानी और खाद्य पदार्थ का सेवन न करन के लिए आगाह किया जाएगा।