बीएससी में एक ही कॉलेज के 300 छात्र को जीरो नंबर
जागरण संवाददाता, आगरा: मेघसिंह महाविद्यालय के बीएससी कृषि के 300 छात्र-छात्राओं को सातवें सेमिस्टर म
जागरण संवाददाता, आगरा: मेघसिंह महाविद्यालय के बीएससी कृषि के 300 छात्र-छात्राओं को सातवें सेमिस्टर में एक ही विषय में फेल कर दिया गया है। इन सभी को जीरो नंबर दिए गए हैं। विवि की कारगुजारी से गुस्साए छात्र-छात्राओं ने सोमवार को विवि पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि कॉपियों की दोबारा जांच कराई जाए।
बीएससी कृषि के सातवें सेमिस्टर का परीक्षाफल पांच मई को घोषित किया गया है। इसमें मेघ सिंह महाविद्यालय के 300 से ज्यादा छात्र हॉर्टीकल्चर, सीड प्रो.टेक में फेल हैं। जब सभी छात्रों ने इंटरनेट से अंकतालिका निकालकर देखी तो सभी को जीरो अंक मिले थे, जबकि दूसरे पेपर में उनको 50 से ज्यादा अंक मिले हैं। सोमवार को सभी फेल छात्र अपनी समस्या लेकर रजिस्ट्रार आरपी सिंह से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनकी परीक्षा अच्छी हुई थी। ऐसे में उनकी कॉपियों की दोबारा जांच कराई जाए। ऐसा कैसे हो सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के जीरो अंक आएं। रजिस्ट्रार ने बुलाए परीक्षा नियंत्रक
छात्रों का कहना था कि वह परीक्षा नियंत्रक से मिलने गए थे, लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद रजिस्ट्रार ने परीक्षा नियंत्रक को कार्यालय में बुलाया। परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों से प्रार्थना पत्र ले लिए हैं। छात्रों का कहना है कि अभी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। मंगलवार को फिर बुलाया है। पास बनवाकर विवि में पहुंचे छात्र
विवि में एक साथ बड़ी संख्या में छात्रों के प्रवेश पर रोक है। छात्रों ने इसका एक तोड़ निकाला। सभी छात्र सुबह 10 बजे पास बनवाने के लिए लाइन में लग गए। सभी ने अंकतालिका की समस्या को लेकर पास बनवाया। दोपहर करीब डेढ़ बजे सब एक साथ पास लेकर प्रवेश करने पहुंचे। बड़ी संख्या में छात्रों को देख सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। इस पर छात्र पास दिखाकर अंदर प्रवेश कर गए। साल खराब हुआ तो प्रदर्शन
छात्रों का कहना है कि उनके अंतिम सेमिस्टर की परीक्षा खत्म होने को हैं। ऐसे में अगर विवि ने पुन: परीक्षा की बात कही तो उनका एक साल खराब होगा। अगर परीक्षा परिणाम पहले घोषित होता तो वह अंतिम सेमिस्टर के साथ पुन: परीक्षा दे भी सकते थे, लेकिन अब उनका पूरा साल खराब होगा। विवि ने अगर ऐसा किया तो छात्र उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।