जागरण संवाददाता, आगरा : एडीए में टेंडरों को उठाने में खेल किया जा रहा है। एक दागी बिल्डर पर एडीए मेहरबान है। टेक्नीकल बिड में बिल्डर का भी नाम शामिल है। जानकारी के बाद भी एडीए अफसर अनजान बन रहे हैं। यहां तक पूर्व एडीए उपाध्यक्ष ने दागी कंपनी पर रोक लगा दी थी, लेकिन उनके तबादले के बाद पूरा खेल रचा गया।
एडीए ने वर्ष 2008 में नरायच में बेसिक सर्विस फॉर अरबन पुअर (बीएसयूपी) 3040 आवास बनाए थे। यह बहुमंजिली बिल्डिंग में हैं। ए ब्लॉक में 1408, बी और सी में 816-816 आवास हैं। नगर निगम को अभी तक हैंडओवर नहीं हुए हैं। आवास जर्जर हो चुके हैं। आवासों की मरम्मत के लिए पिछले दिनों एडीए ने टेंडर निकाले। साढ़े 22 करोड़ के टेंडरों के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया इसमें गणपति बिल्डर भी शामिल था। मंगलवार को इसकी टेक्नीकल बिड खुली जिसमें गणपति का भी चयन हुआ। पिछले साल गणपति के खिलाफ उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी), कानपुर हेड क्वार्टर ने फर्जी एफडीआर मामले पर कार्रवाई की थी। काली सूची में डाला गया था और मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। पूर्व एडीए उपाध्यक्ष अनिल ढींगरा ने गणपति बिल्डर प्रतिबंधित कर दिया था। यह कानपुर में हुए मामले के बाद किया गया था, लेकिन उनके तबादले के बाद फाइल को दबा दिया गया। अभी तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। फाइल कहां है। इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। दागी बिल्डर की जानकारी एडीए के अधिकांश अफसरों को है, लेकिन वे अनजान बनने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं जल्द ही टेक्नीकल बिड का सत्यापन एडीए की चार सदस्यीय कमेटी द्वारा किया जाएगा। फिर फाइनेंशियल बिड जारी होगी।
आमदनी 2.32 अरब, खर्च 3 अरब रुपये
- जांच कमेटी ने सामान्य व विद्युत अनुरक्षण पर व्यय को उचित बताया
आगरा : आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया। यह कहावत एडीए की प्रमुख योजनाओं पर सटीक बैठती है। एडीए बोर्ड की बैठक में कमिश्नर ने पांच साल के आय व व्यय के सत्यापन के आदेश दिए थे। इसकी जांच पूरी हो गई है। पांच साल के भीतर नौ आवासीय योजनाओं के अनुरक्षण पर कुल तीन अरब रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 2.32 अरब रुपये की आमदनी हुई है। दिसंबर 2017 में एडीए बोर्ड की 128वीं बैठक हुई थी। इसमें कमिश्नर के. राम मोहन राव ने ताजनगरी फेस प्रथम, द्वितीय, एडीए हाइट्स, इंदिरापुरम, नेहरू एंक्लेव, शहीद नगर, कालिंदी विहार, शास्त्रीपुरम, जवाहरपुरम में पांच साल के भीतर आवासों की मरम्मत पर खर्च हुए धनराशि की जांच की। इसके लिए विशेष कमेटी गठित की गई थी। 27 मार्च को एडीए बोर्ड की 129वीं बैठक होने जा रही है। ऐसे में पुरानी रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। जिसे देखते हुए विशेष कमेटी ने मामले की जांच की जिसमें पाया गया कि क्षेत्रफल के सापेक्ष व्यय सही है। जल्द ही सभी योजनाओं का हस्तांतरण नगर निगम को किया जाएगा।
----------------
- गणपति बिल्डर दागी है या नहीं। इसकी कोई जानकारी नहीं है। टेक्नीकल बिड में उसका चयन हुआ है।
अजय सिंह, मुख्य अभियंता एडीए
- बीएसयूपी के आवासों की मरम्मत के पूर्व में टेंडर निकाले गए थे, जिस पर रोक लगा दी गई थी। मामले की जांच के आदेश दिए गए थे, मेरे कार्यकाल तक पूरी नहीं हुई।
अनिल ढींगरा, पूर्व उपाध्यक्ष एडीए
आगरा में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे
blink LIVE
PNB MetLife Webinar
VIDEO