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Agra Nagar Nigam: NGT ने दिये आदेश, सात अप्रैल तक करना होगा दो लाख टन कूड़े का निस्तारण

Agra Nagar Nigam एनजीटी ने आगरा नगर निगम प्रशासन को दिए आदेश। निस्तारण न होने पर हर माह दस लाख रुपये का लगेगा जुर्माना। हर माह मुख्य सचिव करेंगे निगरानी छावनी परिषद भी आएगा दायरे में । हर दिन 750 टन कूड़ा खत्ताघर में पहुंचता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 09:43 AM (IST)
Agra Nagar Nigam: NGT ने दिये आदेश, सात अप्रैल तक करना होगा दो लाख टन कूड़े का निस्तारण
निस्तारण न होने पर हर माह दस लाख रुपये का लगेगा जुर्माना।

आगरा, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सात अप्रैल तक कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में पड़े दो लाख टन कूड़े के निस्तारण के आदेश दिए हैं। पुराने कूड़े के साथ ही नए कूड़े का ठीक तरीके से निस्तारण करना होगा। निस्तारण न करने पर नगर निगम पर हर माह दस लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। हर माह मुख्य सचिव आरके तिवारी इसकी बैठक करेंगे। वहीं छावनी परिषद को भी निर्धारित अवधि के भीतर पुराने कूड़े का निस्तारण करना होगा। लापरवाही बरतने पर हर माह एक लाख रुपये प्रति माह का जुर्माना लगेगा। वहीं निगम और परिषद के अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। इन्हें दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। समाजसेवी डीके जोशी ने वर्ष 2016 में एनजीटी में ठीक तरीके से कूड़े, सीवर के निस्तारण और नालों की टैपिंग न होने को लेकर याचिका दायर की थी। एनजीटी के आदेश पर ओवरसाइट कमेटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बार्ड ने मामले की जांच शुरू की। डीके जोशी के निधन के बाद सेफ संस्था पैरोकार बन गई। कूड़े का निस्तारण ठीक से न करने पर नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। हालांकि बाद में इसे रद कर दिया गया। मंगलवार को एनजीटी में केस की सुनवाई हुई। कोर्ट ने पुराने और नए कूड़े का ठीक तरीके से निस्तारण करने के आदेश दिए। कुबेरपुर स्थित खत्ताघर 72 एकड़ में फैला है। आठ लाख टन कूड़ा एकत्रित था जिसमें निगम प्रशासन ने छह लाख टन कूड़े का निस्तारण कर लिया है। अब दो लाख टन और कूड़े का निस्तारण करना है। वहीं हर दिन 750 टन कूड़ा खत्ताघर में पहुंचता है।

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1175 करोड़ की तैयार की डीपीआर

जल निगम ने सीवर समस्या के निस्तारण के लिए 1175 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। यह डीपीआर नमामि गंगे योजना के तहत बनी है। अमृत योजना के तहत 444 करोड़ रुपये से ढाई सौ किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जा रही है।

हर जगह लापरवाही 

जांच में पाया गया कि शहर से हर दिन 286 एमएलडी सीवेज निकलता है जिसमें 238 एमएलडी को ट्रीट किया जाता है। बाकी नालों के माध्यम से सीधे यमुना नदी में गिरता है। इससे नदी दूषित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

397 एमएलडी पानी की जरूरत

 शहर को हर दिन 397 एमएलडी पानी की जरूरत है। वर्तमान में 360 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। वहीं तीन प्लांटों में पानी के शोधन की क्षमता 513 एमएलडी है।

जोंस मिल की नहीं हुई सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को जोंस मिल प्रकरण की सुनवाई नहीं हुई। केस की अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी। कोर्ट में डीएम प्रभु एन सिंह ने प्रति शपथ पत्र दाखिल कर दिया है।


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