Agra Metro Project: जमीन पर मालिकाना हक के बदलाव की तैयारी, प्रदेश सरकार ने मांगी DM Agra से रिपोर्ट
Agra Metro Project पीएसी ग्राउंड कमिश्नरी विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जमीन प्रमुख रूप शामिल। मेट्रो के पहले कॉरिडोर पर काम तेज करने पर जोर तकनीकी टीम जल्द डालेगी डेरा।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का कार्य रफ्तार पकड़ रहा है। स्टेशनों के तकनीकी सर्वे के बाद जमीन के मालिकाना हक में बदलाव की तैयारी चल रही है।
प्रदेश सरकार ने डीएम प्रभु एन सिंह से इसकी रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट जल्द भेजने के लिए कहा गया है। शहर में मेट्रो ट्रैक तीस किमी लंबा होगा। पहला कॉरिडोर सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक 14 किमी, दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदीविहार तक 16 किमी लंबा होगा।
उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) पहले कॉरिडोर पर फोकस कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि पीएसी ग्राउंड में मेट्रो का पहला डिपो बनेगा। जमीन 15वीं पीएसी बटालियन और रक्षा संपदा विभाग की है। दस हेक्टेअर के आसपास जमीन यूपीएमआरसी के नाम अंकित करने के लिए कहा गया है। इसी तरह से कमिश्नरी की जमीन राजस्व परिषद की है। यह चार हेक्टेअर है। कमिश्नरी के 75 फीसद हिस्से में स्टेशन बनेगा। इस जमीन को यूपीएमआरसी के नाम करने के लिए कहा गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में सात हेक्टेअर के आसपास जमीन मिली है। यह जमीन गृह विभाग की है। जमीन 15वीं पीएसी बटालियन के नाम ट्रांसफर होगी।
राजस्व परिषद लेगा निर्णय
जमीन के मालिकाना हक में बदलाव का निर्णय सबसे पहले राजस्व परिषद लेगा। परिषद की मुहर लगाने के बाद यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जमीन एक विभाग से दूसरे को ट्रांसफर हो सकेगी।
तीन स्टेशनों के निर्माण के टेंडर जारी
यूपीएमआरसी ने शनिवार को आगरा मेट्रो के तीन स्टेशनों के निर्माण के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसकी अंतिम तारीख छह अगस्त है। सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट के पहले कॉरिडोर के तीन स्टेशन शामिल हैं। यह ताज पूर्वी गेट, फतेहाबाद रोड और बसई स्टेशन हैं। यह सभी एलीवेटेड होंगे। वहीं टेंडर में सिविल आर्कीटेक्चर, पानी की आपूॢत, फायर फाइटिंग सिस्टम को भी शामिल किया गया है। मेट्रो के कुल तीस स्टेशन होंगे।