आगरा (जेएनएन)। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। मुंबई से कन्नौज जा रहे चार दोस्त सर्विस रोड धंसने से कार समेत 40 फीट गहरी खाई में समा गए। चारों किसी तरह गाड़ी से बाहर आए। पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई। कई घंटे की मशक्कत के बाद कार को क्रेन से बाहर निकाला गया।
कन्नौज के थाना गुरुसहायगंज के समधन निवासी मोहम्मद नूरशाह और रजित कुमार भाड़े पर गाड़ी चलाते हैं। उनके घर के पास रहने वाला अब्दुल उसीन मुंबई में टैक्सी चालक है। अब्दुल ने नूरशाह और रजित कुमार का मुंबई के अंधेरी वेस्ट में एक व्यक्ति से होंडा सीआरवी एक्सयूवी कार का सौदा कराया था। तीनों दोस्त 31 जुलाई को मुंबई से कार लेकर कन्नौज के लिए रवाना हुए। फर्रुखाबाद के कमालगंज निवासी अब्दुल हलीम भी उनके साथ था। वह जीपीएस की मदद से सफर तय कर रहे थे। मोहम्मद नूरशाह के मुताबिक आगरा पहुंचने पर उनके नेटवर्क ने अचानक काम करना बंद कर दिया।
इससे वह लखनऊ एक्सप्रेस वे की जगह सर्विस रोड पर चले गए। फतेहाबाद स्थित डौकी के वाजिदपुर पुलिया पर अचानक सड़क पर गड्ढा दिखाई देने पर उससे बचने की कोशिश में कार को सड़क किनारे काट रहे थे। इसी दौरान पूरी सड़क धंस गई, चारों कार समेत 40 फीट गहरी खाई में कार समेत जा गिरे। सीट बेल्ट लगी होने के चलते एयरबैग खुलने से वह बच गए। कार का दरवाजा किसी तरह खोलकर निकलने के बाद वह मुख्य सड़क पर पहुंचे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। जख्मी एक्सप्रेस वे पर मौत की दरारें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के निर्माण में खेल हुआ है। मुख्य रोड और सर्विस रोड में मिट्टी का भराव ठीक तरीके से नहीं हुआ। लिहाजा एक्सप्रेस वे जख्मी हो गया है और उसमें मौत की दरारें पड़ गई हैं। लगातार हो रही बारिश से दरारें बढ़ती जा रही हैं। रोड के किनारों की मिट्टी कटने से गहरे गड्ढे हो गए हैं। पत्थर नीचे लुढ़क गए हैं।
सपा शासनकाल में देश के सबसे लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ था। इसकी लंबाई 302 किमी है। 21 नवंबर, 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था। इसका निर्माण पीएनसी सहित अन्य कंपनियों ने किया था। आगरा से 50 किमी की दूरी तक पीएनसी ने इसका निर्माण किया। पिछले दिनों हुई बारिश ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की पोल खोल दी। शून्य से 50 किमी तक की रोड जख्मी हो गई है। एक्सप्रेस वे के दोनों ओर दरारें पड़ गई हैं।
जल निकासी के लिए जो नालियां बनाई गई हैं। वह टूट चुकी हैं। पत्थर उखड़ गए हैं और किनारों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। एक्सप्रेस वे को सबसे अधिक नुकसान 26 जुलाई को हुई बारिश से पहुंचा था, लेकिन इसके बाद भी निर्माणदायी एजेंसी ने मरम्मत नहीं की। बारिश होने से दरारें बढ़ती जा रही हैं। इसके बाद भी इसकी मरम्मत नहीं की गई। इससे कई जगहों पर सर्विस रोड क्षतिग्रस्त हो गई है। पुलिया व पुलों के पास जलभराव हो रहा है।बारिश से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में दरार तीन दिन से लगातार हो रही बारिश का असर बुधवार को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर दिखा। लोधाटीकुर पंचमखेड़ा में सई नदी पर बने पुल की मिट्टी बह जाने से यहां दस मीटर लंबी दरार आ गई। बुधवार दोपहर बारिश बंद होने के बाद वहां से गुजर रहे ग्रामीणों ने लखनऊ की ओर बाईं लेन में दरार देखी तो यूपीडा अधिकारियों को सूचना दी। यूपीडा अधिकारियों ने पास में ही निर्माण में लगे मजदूरों को मौके पर भेजा और खुद भी पहुंचे। परीक्षण के बाद दरार भरने का काम शुरू हुआ जो देर शाम तक पूरा कर दिया गया।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे धंसने की होगी थर्ड पार्टी जांच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के धंसने और कटने को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसकी थर्ड पार्टी जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच राइट्स लिमिटेड को सौंपी गई है जो कि भारत सरकार द्वारा स्थापित इंजीनियरिंग परामर्श कंपनी है। इसे परिवहन अवसंरचना के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। राइट्स को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
उप्र एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि आगरा से करीब 16 किमी पहले लखनऊ की ओर आ रही सर्विस रोड का करीब 15-20 मीटर हिस्सा पानी में बह गया है। इसकी मरम्मत और निर्माण एक्सप्रेस-वे बनाने वाली एजेंसी ही करेगी। उन्होंने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर उन्होंने सड़क के जिस हिस्से का निर्माण कराया है, उसे लेकर सतर्कता बरतें। सड़क या सर्विस लेन के किनारों पर जलजमाव न होने दें। बारिश से होने वाली क्षति की मरम्मत संबंधित एजेंसी को ही करनी होगी। मालूम हो कि 300 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अनियमितता का आरोप भाजपा पहले से ही लगाती रही है। इसके अलावा सपा शासन के अन्य निर्माण पर भी अंगुलियां उठी हैं, जिनमें कुछ की जांच भी चल रही है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे छह लेन का है। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण 132000 करोड़ रुपये की लागत से 22 महीने के रिकार्ड समय में हुआ था। विधानसभा चुनावों के पूर्व नवंबर 2016 में अखिलेश यादव ने इसका शिलान्यास किया था। सपा इसे काम के अपने मानक के रूप में प्रचारित करती रही है, लेकिन अब उसकी गड़बडिय़ां सामने आने लगी हैं।
अरबों के एक्सप्रेस वे पर धंस रही जमीन
लगातार बारिश के कारण जमीन धंसने से अरबों की लागत का एक्सप्रेस वे कई जगह से धंस गया है। बुधवार को इसकी सर्विस लेन की खामी भी सामने आ गई। वहींं कुछ दिन पहले इनर रिंग रोड धंसने की खबर पर भी जांच बैठी थी।