Agra Lockdown Update Day 5: संभल जाओ, जेल गए तो नहीं मिलेगी फिलहाल जमानत
अधिवक्ताओं ने कहा कि घरों में रहने ही सब की भलाई।
मथुरा, जेएनएन। हाईकोर्ट के अग्रिम आदेश तक सभी अदालतें बंद हैं। ऐसे में अगर लड़ाई झगड़े समेत अन्य किसी भी दूसरे अपराधिक मामले में जेल चले गए तो फिलहाल जमानत की तारीख भी पड़ने वाली नहीं हैं। इसलिए घरों में ही रहने में सभी भलाई है।
कोरोना वायरस की बढ़ती हुई चेन को तोड़ने के लिए किए गए लॉक डाउन के बाद भी लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। गांव-देहात में लड़ाई-झगड़े भी हो रहे हैं। धारा 144 का उल्लंघन किया जा रहा है। पुलिस एक के बाद एक मुकदमा भी दर्ज कर रही है। ऐसे में अगर पकड़े गए और सलाखों के पीछे पहुंच गए तो फिलहाल जमानत मिलने वाली नहीं है।
समझ लें अधिवक्ताओं की सीख
शांति भंग और शांति भंग करने की संभावना में पाबंद किए लोगों को ही जमानत ही मिल पाएगी, लेकिन सात साल से अधिक का अपराध के मामले में पकड़े गए। अगर इस मामले में गिरफ्तार किए गए और जेल गए तो फिलहाल जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए सभी को इस समय अपने घरों में ही रहना चाहिए।
- अवधेश सिंह चौहान, अध्यक्ष बार एसोसिएशन मथुरा
हाईकोर्ट ने आदेश कर दिए हैं कि अग्रिम आदेश तक अदालत नहीं खुलेंगी। लॉक डाउन होने के कारण अधिवक्ता भी अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जब लोग घरों से नहीं निकलेंगे तो लड़ाई झगड़ा होने का कोई मतलब नहीं है। अगर, बाहर घूमते समय कोई घटना घटित होती है और जेल चले गए तो फिलहाल जमानत मिलने की गुंजाइश ही नहीं।
- प्रदीप राजपूत सिंह अधिवक्ता
कोरोना वायरस की बढ़ती चेन को तोड़ने के लिए ही न्यायिक प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। इसलिए जमानत मिलने में देरी हो सकती है। अगर, लॉक डाउन की समय अवधि बढ़ गई तो मामूली सी भूल लंबे समय तक सलाखों के पीछे रख सकती है। अब कोर्ट बंद है। अधिवक्ता भी कोर्ट नहीं जा रहे हैं। घर के अंदर ही बने रहने में ज्यादा फायदा है।
-विजयपाल सिंह तोमर, पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष
हाईकोर्ट के आदेश पर जब अदालत बंद हो गई है। लॉक डाउन में सभी फैक्ट्रियां, कारखाने और अन्य प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए है। तब लोगों को खुद ही समझ लेना चाहिए कि वह कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे और उसका पालन करें। कानून का पालन किए जाने से में अपनी और जनता की भलाई है।
- गफ्फार अब्बास, अधिवक्ता