विभागों के पचड़े में फंस गया लाइसेंस निरस्तीकरण का मामला
आगरा: लापरवाही करने वाले रोडवेज चालकों पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई दो विभागों के पचड़े में पड़ गई है।
आगरा: लापरवाही करने वाले रोडवेज चालकों पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई दो विभागों के पचड़े में फंस गई। पुलिस ने परिवहन विभाग को पत्र लिखा, लेकिन चालकों की पहचान के फेर में अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
शहर में इधर-उधर सिटी बसें और अन्य रोडवेज बसें खड़ी करने से यातायात में दिक्कत आती है। पुलिस ने बीते दिनों फोटोग्राफी कराई, तो पाया कि एक ही बस के चालक ने कई-कई बार नियमों का उल्लंघन किया। अगस्त में ही 32 बसों के चालकों पर उल्लंघन के तहत जुर्माना किया गया। जुर्माने की राशि चालकों से वसूली गई। एसपी ट्रैफिक प्रशांत कुमार प्रसाद ने अगस्त में आरटीओ को पत्र लिखकर ऐसे चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने को कहा था, जिन्होंने कई बार नियमों का उल्लंघन किया था लेकिन आज तक इस पर कार्रवाई नहीं हो पाई। मामला चालकों की शिनाख्त पर फंस गया। शिनाख्त न होने से उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। क्या कहते हैं अधिकारी
हमने चालकों के लाइसेंस निरस्त कराने को आरटीओ को पत्र लिखा है। बार-बार जुर्माने के बाद भी चालक सुधर नहीं रहे।
अमित पाठक, एसएसपी। जुर्माने की राशि चालकों से जमा कराई गई है। लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की हमें जानकारी नहीं है।
पार्थ सारथी शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम। बसों के नंबर से चालक की पहचान मुश्किल है। इसलिए अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। आरटीओ प्रवर्तन के पास ये मामला है, वह ट्रेनिंग से लौटेंगे तो आगे की कार्रवाई होगी।
डीके सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी।
रोडवेजकर्मियों में नाराजगी
बस चालकों पर कार्रवाई को लेकर रोडवेजकर्मियों में खासी नाराजगी है। रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के मंत्री सत्य नारायण शर्मा कहते हैं कि रोडवेजकर्मी सवारी उतारते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाती है, जबकि प्राइवेट बस चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इसके लिए एसपी और डीएम को पत्र लिखा गया है।