ताजनगरी के केरलवासी नहीं मना रहे ओणम
आगरा: केरल में बाढ़ तबाही मचा रही है। ताजनगरी में रह रहे केरलवासियों के परिजन भी उसमें शामिल हैं।
आगरा: केरल में बाढ़ तबाही मचा रही है। ताजनगरी में रह रहे केरलवासियों के परिजन भी उसमें फंस गए हैं। एक के परिजन की मौत हो गई है। तमाम मकान डूब गए हैं। यहां रह रहे 350 केरलवासियों में से अधिकांश का 15 अगस्त के बाद से परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके चलते ऑल इंडिया मलयाली एसोसिएशन की आगरा ब्रांच ने 15 से 27 अगस्त तक मनाए जाने वाले पर्व ओणम को न मनाने का फैसला लिया है। एसोसिएशन की ओर से सहायता सामग्री भी भेजी जा रही है। भूस्खलन में मौत से मचा कोहराम
मधु नगर में रह रहे त्रिशूर (केरल) निवासी उन्नीकृष्णन ने बताया कि बाढ़ में मां, बहन, भाई, पत्नी, बच्चों समेत पूरा परिवार फंस गया है। एक रिश्तेदार की मृत्यु भूस्खलन से हो चुकी है। इससे कोहराम मचा हुआ है। दो दिन तो फोन भी नहीं लगा। इस कारण तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे। अब बात होने के बाद थोड़ी राहत है। बीटेक कर रहा बेटा फंसा, मकान डूबा
बिचपुरी सीएचसी पर एएनएम रतनबल्ली ने बताया कि वह मूल रूप से आरमबला की रहने वाली हैं। वहां बीटेक की पढ़ाई कर रहा बेटा और अन्य परिजन रहते हैं। बाढ़ में दो मंजिला मकान और पैतृक घर भी डूब गया है। 17 अगस्त के बाद से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे चिंता हो रही है। दहशत में कट रहे रात दिन
बूंदूकटरा शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत हेल्थ विजिटर महिला मनी और ग्रेसी कुट्टी ने बताया कि केरल में उनका घर आधा डूब गया है। वहां बहन भाई रहते हैं, उनसे फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे दिन और रात दहशत में कट रहे हैं। 15 किलोमीटर दूर है पानी
केरल के हरिपाड़ की रहने वाली लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य निरीक्षक रेमा देवी ने बताया कि उनके घर से 15 किलोमीटर दूर बाढ़ आ गई है। स्कूल और कार्यालय बंद है। कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा है। परिजनों की चिंता सता रही है।
मेरा परिवार केरल के कोल्लम में रहता है। बाढ़ में हुई तबाही के बाद से परिजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। हालांकि फिलहाल वह सुरक्षित हैं, लेकिन बाढ़ के बाद महामारी का खतरा है। इसलिए बेचैनी ज्यादा है। हम यहां से उनके लिए मदद भेजने की कोशिश में जुटे हैं।
जेजेएन प्रसाद। केरल के आलप्पुषा में परिवार के साथ ससुरालीजन भी रहते हैं। परिवार तो सुरक्षित है, लेकिन ससुराल की चिंता हो रही है, क्योंकि उनके इलाके में बाढ़ का खतरा ज्यादा है। बारिश के बाद मोबाइल नेटवर्क खराब होने से उनसे बात न होने के चलते चिंता हो रही है।
अरुण नायर। मेरा परिवार केरल के बाढ़ प्रभावित इलाके में रह रहा है। पिछले चार दिनों से दिन-रात उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन फोन नहीं लग रहा। रिश्तेदारों को भेजकर पता कराया, तो उनके सुरक्षित होने की खबर से राहत मिली। जब तक बात नहीं होगी, पल पल बेचैनी बढ़ रही है।
बबीता।
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शहर से भी जा रही है मदद
केरल में हुई तबाही में अपनों का दुख कम करने के लिए ऑल इंडिया मलयाली एसोसिएशन सक्रिय हो गई है। संस्था की पूरे देश की प्रदेशीय इकाइयां लोगों के लिए जरूरत का सामान भेज रही हैं। आगरा इकाई के अध्यक्ष और राष्ट्रीय इकाई के सहायक महासचिव सुरेश कुमार नायर ने बताया कि केरल में हुई आपदा में आगरा इकाई ने मदद की पहली खेप के साथ 25 हजार रुपये दिल्ली इकाई के माध्यम से भेजे हैं। केरल सरकार ने मदद में नई चादर, कपड़े, अंडर गारमेंट्स, दवाएं आदि की लिस्ट भेजी है। इसके लिए दूसरी खेप भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आवास विकास स्थित कार्यालय के साथ शक्ति नगर में भी मदद दी जा सकती है। इस बार ओणम न मनाने का निर्णय लिया गया है। केरल में मदद को अभाविप जुटा रही पैसा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा केरल के बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद भेजी जाएगी। सोमवार को सदर बाजार में दुकानदार और स्थानीय लोगों से आर्थिक मदद के लिए पैसे जमा कराए गए। शहर में जगह-जगह टीम पहुंचेगी, 21 अगस्त की शाम तक चंदा जुटाया जाएगा। इसे 22 अगस्त को केरल सरकार के आर्थिक मदद के लिए जारी किए गए बैंक एकाउंट में जमा कराया जाएगा। इस दौरान प्रांत संगठन मंत्री जयकरन सिंह, आशुतोष मिश्रा, ललित शर्मा, दीपक बघेल, मोहित सोलंकी, अखिल चौधरी आदि मौजूद रहे।