यहां हाथों के हुनर को आंखों की दरकार नहीं, ये खबर आपकी सोच बदल देगी Agra News
अंतरदृष्टि द्वारा आयोजित गोल्डन आई शेफ प्रतियोगिता में 21 शहरों के 32 प्रतिभागियों ने लिया भाग। गोल्डन आई शेफ में विजेता रहीं आरती।
आगरा, जागरण संवाददाता। क्या स्वाद है जिंदगी में? पूरी तरह से दुनिया को नहीं देख पाने की कसक को मुंबई की आरती लिम्जे ने अपने हाथों के हुनर से पूरा किया। मसालों की खुशबू और स्वाद से जिंदगी में कुछ इस तरह से रंग भरे कि दुनिया उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकी।
ताजनगरी में अंतरदृष्टि द्वारा आयोजित ‘गोल्डन आई शेफ: कुकिंग बियोंड सीईंग’ का फाइनल राउंड रविवार को कलिनरी जंक्शन उड़ूपी फतेहाबाद रोड में हुआ। 12 राज्यों के 21 शहरों के 32 प्रतिभागियों में से चुनकर आए तीन-तीन प्रतिभागियों ने फुली ब्लाइंड और पार्शियली ब्लाइंड कैटेगरी में भाग लिया। फाइनल में उन्हें चुनौती मिली पनीर से अपनी पसंद के अनुसार डिश बनाने की। उन्हें इसके लिए 20 इंग्रेडिएंट्स दिए गए। एक टेबल पर दूध, मसाले, तेल, सब्जियां रखी थीं। डिश बनाने को जरूरी बर्तन भी मिले। इसके बाद शुरू हुई निर्धारित समय में डिश बनाने और उसे प्रेजेंट करने की चुनौती। कुकिंग अच्छे-अच्छे को पसीना छुड़ा देती है, मगर मन की आंखों से देखने, स्पर्श और सूंघने की क्षमता से पहचान करने वालों के चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आई। फुली ब्लाइंड कैटेगरी में मुंबई की आरती लिम्जे विजेता बनीं। अन्य दो प्रतिभागी सिलिगुड़ी की कविता गोलियान और वापी के विपिन सिंह थे। पार्शियली ब्लाइंड कैटेगरी में मुंबई की फोरम नरेश लोडया विजेता रहीं। अन्य दो प्रतिभागी आगरा की श्रेया गुप्ता और जालंधर की अन्नपूर्णा कौर रहीं। प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका सेलिब्रिटी शेफ गौतम महर्षि, ग्रांड मास्टर शेफ इंद्रदेव, मास्टर शेफ अदिति मदान और शेफ कुलदीप सिंह ने निभाई।
अंतरदृष्टि के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतियोगिता में 12 राज्यों के 21 शहरों के 32 प्रतिभागियों ने दोनों कैटेगरी में भाग लिया। यह एक अनोखी प्रतियोगिता थी, जिसमें प्रतिभागियों ने साबित किया कि दिव्यांगता कभी भी सफलता के मार्ग में रुकावट नहीं बन सकती।
चुनौती के रूप में लिया
फुली ब्लाइंड कैटेगरी की विजेता मुंबई की आरती लिम्जे ने बताया कि उन्होंने प्रतियोगिता को एक चुनौती के रूप में लिया। इसका अनुभव काफी अच्छा रहा और मैंने इसका लुत्फ उठाया। प्रतिद्वंद्वी अब आपस में दोस्त बन गए हैं। यह दोस्ती लंबी चलने वाली है।
स्वयं को साबित करने का था मौका
पार्शियली ब्लाइंड कैटेगरी में विजेता रहीं मुंबई की फोरम नरेश लोडया ने बताया कि यह स्वयं को साबित करने का मौका था। हम अब तक डिश तो बनाते थे, लेकिन उसमें समय की पाबंदी नहीं होती थी। यहां निर्धारित समयावधि में डिश बनाना भी सीखा।
17 को हुई थी शुरुआत
गोल्डन आई शेफ की शुरुआत 17 अक्टूबर को हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड मैनेजमेंट में हुई थी। पहले राउंड में दोनों कैटेगरी में 16-16 प्रतिभागी थे। 18 अक्टूबर को दूसरा राउंड होटल जेपी पैलेस के टेनिंग सेंटर में हुआ। इसमें दोनों कैटेगरी में आठ-आठ प्रतिभागी रहे, जिनमें से फाइनल राउंड के लिए तीन-तीन प्रतिभागी चुने गए।