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स्वच्छता सर्वेक्षण-2020: सिटीजन फीडबैक में आगरा की लंबी छलांग, प्रदेश में मिला पहला स्‍थान Agra News

देश में तीसरे और प्रदेश में पहले पायदान पर पहुंचा आगरा। 31 जनवरी है सिटीजन फीडबैक देने की अंतिम तारीख।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 08:20 PM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020: सिटीजन फीडबैक में आगरा की लंबी छलांग, प्रदेश में मिला पहला स्‍थान Agra News
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020: सिटीजन फीडबैक में आगरा की लंबी छलांग, प्रदेश में मिला पहला स्‍थान Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में आगरा ने सिटीजन फीडबैक में लंबी छलांग लगाई है। दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में आगरा देश में तीसरे और प्रदेश में पहले पायदान पर आ गया है। प्रदेश में गाजियाबाद दूसरे और कानपुर तीसरे स्थान पर काबिज है। स्वच्छता सर्वेक्षण का फाइनल राउंड चल रहा है। इसके तहत दो हजार अंक का सिटीजन फीडबैक है। फीडबैक में सात सवालों के जवाब देने हैं। पिछले सप्ताह तक आगरा प्रदेश में दूसरे नंबर पर था जो अब पहले नंबर पर आ गया है। देश में पहले नंबर पर विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा हैं। यह दोनों शहर आंध्र प्रदेश के हैं। यहां के कुल आठ और सात फीसद लोगों ने फीडबैक दिया है, जबकि आगरा में पांच फीसद लोगों ने फीडबैक दिया है। सिटीजन फीडबैक देने की अंतिम तारीख 3ृ1 जनवरी है।

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अच्छे मिले थे अंक

स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में आगरा को सिटीजन फीडबैक में अच्छे अंक मिले थे। यह अंक 1200 के आसपास थे।

यह किए जा रहे प्रयास

नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों, गैर सरकारी सहित अन्य, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सभी पार्षदों से कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में फीडबैक को तेजी से बढ़वाएं।

शहर में कचरे का गणित

- शहर के 100 वार्ड से हर दिन साढ़े सात सौ एमटी कूड़ा निकलता है।

- 2018 नवंबर से गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारित करना शुरू किया गया था।

-02 लाख रुपये की आय पहले महीने हुई थी नगर निगम को। यह अब 12 लाख तक पहुंच गई है।

-60 मीट्रिक टन सूखा कूड़ा हर दिन 25 कैटेगरी में अलग किया जाता है।

-30 मीट्रिक टन गीले कूड़े से हर दिन खाद बन रही है।

- 20 एमटी का एक प्लांट कुबेरपुर में, धांधूपुरा में पांच एमटी का, राजनगर में चार एमटी के दो, आइएसबीटी में एक एमटी का एक प्लांट लगा हुआ है।

- 15 लाख रुपये में एक हजार मीट्रिक टन खाद कृभको को उपलब्ध कराने का आर्डर मिला है।

-70 हजार घरों में चार मीट्रिक टन खाद बन रही है। यह दावा नगर निगम का है।

-8.6 मीट्रिक टन खाद शहर की बड़ी डेयरी में हर दिन तैयार की जा रही है।

- 110 मीट्रिक टन मलबा हर दिन निगम कलेक्ट करता है। 


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