आगरा में हैं सिर्फ 3332 आउट ऑफ स्कूल बच्चे, जानिए कैसे खिलवाड़ हुआ है आंकड़ों से
शारदा योजना के अंतर्गत परिषदीय शिक्षकों को उनके स्कूल के आसपास के गांवों में भेजकर स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित कराया।
आगरा, जागरण संवाददाता। व्यक्तिगत, पारिवारिक और आर्थिक कारणों से कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। उन्हीं बच्चों को स्कूल तक लाने की जिम्मेदारी शासन ने उठाते हुए शारदा योजना तैयार की। इसके लिए फरवरी में स्कूल न जाने वाले छात्रों को चिन्हित किया गया, ताकि उनका परिषदीय स्कूलों में पंजीकरण कराया जा सके। लेकिन योजना को लेकर कैसे खानापूर्ति की गई, इसका इशारा इसके आंकड़े बता रहे हैं।
परिषदीय शिक्षकों को जिले में ऐसे सिर्फ 3332 छात्र-छात्राएं ही मिले। इनमें सबसे ज्यादा 1063 पंजीकरण नगर क्षेत्र के जबकि सबसे कम सिर्फ सात पंजीकरण फतेहपुर सीकरी कस्बा क्षेत्र (नगर) में हुए। योजना की बात करें, तो शारदा योजना इसलिए भी प्रभावी थी, क्योंकि शासन इसके माध्यम से आउट ऑफ स्कूल छात्र-छात्राओं को शिक्षा की मुख्य धारा में लाना चाहता था। वाकायदा पूरे फरवरी में परिषदीय शिक्षकों को उनके स्कूल के आसपास के गांवों में भेजकर स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित कराया। उन्होंने उनके अभिभावकों को निश्शुल्क शिक्षा के प्रति जागरूक किया, ताकि वह बच्चों का स्कूल में पंजीकरण कराए। लेकिन जिले में इसका असर ज्यादा प्रभावी नजर नहीं आ रहा। 15 ब्लॉक और एक नगर क्षेत्र में ऐसे छात्रों के अब तक महज 3332 पंजीकरण ही हो पाए हैं।
नगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा पंजीकरण
कुल 3332 में से 1063 पंजीकरण सिर्फ नगर क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं।
- दूसरे नंबर पर 413 के साथ जगनेर,
- तीसरे पर 370 के साथ खेरागढ़,
- चौथे पर 264 के साथ बरौली अहीर,
- पांचवें पर 210 के साथ पिनाहट,
- छठे पर 201 के साथ खंदौली,
- सातवें पर 161 के साथ बिचपुरी,
- आठवें पर 123 के साथ फतेहपुर सीकरी,
- नौवें पर 114 के साथ जैतपुर कलां,
- 10वें पर 94 के साथ शमसाबाद,
- 11वें पर 85 के साथ फतेहाबाद,
- 12वें पर 50 के साथ बाह,
- 13वें पर 46 के साथ अछनेरा,
- 14वें पर 43 के साथ सैंया,
- 15वें पर 39 के साथ अकोला
- 16वें नंबर पर सात पंजीकरण के साथ फतेहपुरसीकरी नगर क्षेत्र है।
30 जून तक दोबारा हो रहा सत्यापन
सर्व शिक्षा अभियान के जिला प्रभारी अनिल चौधरी ने बताया कि एक बार सत्यापन के बाद शासन ने 30 जून तक दोबारा से सभी परिषदीय शिक्षकों को अपने स्कूल के करीब के गांवों में दोबारा आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद जुलाई-सितंबर तक उनके पंजीकरण परिषदीय स्कूलों में कराए जाएंगे। लिहाजा जुलाई में प्रवेश होने से यह संख्या और बढऩे की उम्मीद है।
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