'दसवीं' में मिली दारोगा की वर्दी, असली पिक्चर अभी बाकी है..
फिल्म में दारोगा का किरदार निभा रहे रवि सागर असल जिदगी में भी कर रहे प्रयास -पिता को वर्दी में देख बचपन से ही है दारोगा बनने का सपना
आगरा, (जितेंद्र सिंह)। पिता को पुलिस की वर्दी में देखते बड़े हुए रवि सागर को जब फिल्म में खुद वर्दी पहनने का मौका मिला तो वह फूले नहीं समाए। उनका बचपन से ही पिता की तरह दारोगा बनने का सपना है, इसके लिए वह कई वर्ष से प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि रील लाइफ में तो वर्दी पहन ली..लेकिन पिक्चर अभी बाकी है, जो रियल लाइफ में दारोगा बनकर ही पूरी होगी।
टेढ़ी बगिया निवासी रवि सागर ने बताया कि केंद्रीय कारागार में चल रही फिल्म 'दसवीं' की शूटिंग में दारोगा का किरदार निभाने के लिए गुरुवार शाम उनके पास आफर आया था। उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। असल जिदगी में लंबे समय से दारोगा भर्ती के लिए प्रयास जारी है। रील लाइफ में रियल लाइफ का सपना पूरा होना सुखद अहसास है। रवि ने बताया कि उनके पिता महेंद्र सिंह पिछले साल ही सब इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए हैं। वर्दी का रुतबा देख हमेशा से ही उनके मन में दारोगा बनने की ललक है। वह इस साल अंतिम बार दारोगा भर्ती में हाथ आजमाने की पूरी शिद्दत से तैयारी कर रहे हैं।
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बेटे को वर्दी में देखने के लिए पहुंचीं मां
फिल्म सेट पर पहुंचीं रवि की मां मिथलेश देवी ने बताया कि उनका सपना है कि पति की तरह बेटा भी दारोगा बने। जब उन्हे पता चला कि बेटे को अभिषेक बच्चन और यामी गौतम सरीखे बालीवुड सितारों के साथ फिल्म में दारोगा का रोल करने का मौका मिला है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिल्म सेट पर बेटे को वर्दी में देख अच्छा लगा। असल जिदगी में देखने की अभी तमन्ना बाकी है।