आगरा कैंट स्टेशन बना तस्करी का जंक्शन, 12 महीने में 270 किलो गांजा और 35 तस्कर पकड़े
ट्रेन के जरिए लगातार बढ़ रही गांजा तस्करी। दिल्ली व आसपास के जिलों में जाती है खेप। वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर अब तक कैंट स्टेशन पर 35 गांजा तस्कर पकडे़ गए हैं। इसमेंं 29 पुरुष और छह महिलाएं हैं। इनके पास से 270 किलो गांजा पकड़ा गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। गांजा तस्करों ने ट्रेन का गांजा तस्करी का रास्ता बना लिया है। विशाखापट्टनम से गांजा लाकर इसको दिल्ली व आसपास के जिलों में खपाया जा रहा है। गांजा तस्करों को पकड़ने के लिए जीआरपी और अारपीएफ भी सक्रिय है। वर्ष 2020 में कैंट स्टेशन पर जीआरपी ने अब तक 270 किलो गांजा पकड़ा है, जबकि 35 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गांजा तस्करों ने सड़क मार्ग पर तस्करी में बढ़ते जोखिम को देखते हुए ट्रेनों को सहज माध्यम बना लिया है। मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों से भारी मात्रा में विशाखापट्टनम से गांजा की खेप लाई जा रही है। कैंट स्टेशन गांजा तस्करी का जंक्शन बन गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर अब तक कैंट स्टेशन पर 35 गांजा तस्कर पकडे़ गए हैं। इसमे 29 पुरुष और छह महिलाएं हैं। इनके पास से 270 किलो गांजा पकड़ा गया है। दो दिन पहले साल की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई। इसमें साढे़ 25 किलो गांजा पकड़ा गया।
तीन माह रही शांति
कोरोना संक्रमण काल में लाक डाउन लगने के बाद तीन माह ट्रेनों का संचालन बंद रहा। इस दौरान तीन माह में गांजा तस्करी भी बंद रही। मगर, अनलाक होने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही फिर से गांजा तस्कर सक्रिय हो गए। 16 जून को जीआरपी ने छह किलो गांजा पकड़ा। इसके बाद हर माह गांजा तस्कर जीआरपी की गिरफ्त में आते गए।