एटा जेल कांड के बाद अब आगरा जेल में बंदियों के फोन पर नियमाें की बंदिश
पहले से देने होंगे स्वजन के दो फोन नंबर सत्यापन के बाद कर सकेंगे बात। हर काल का रखा जाएगा रिकार्ड संबंधित बंदी ही कर सकेगा बात। कोराेना संक्रमण के चलते जेलों में पिछले साल मार्च से मुलाकात बंद हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। एटा जेल कांड के बाद मंडल की अन्य जेलों में बंदियों के फोन पर नियमों की बंदिश और सख्त कर दी गई है। जेलों में बंदियों की हर काल का रिकार्ड रखा जाएगा। यही नहीं बंदियों द्वारा स्वजन के पहले से दिए गए दो फोन नंबराें पर ही बात की जा सकेगी। वह किसी अन्य नंबरों पर अब बात नहीं कर सकेंगे।
कोराेना संक्रमण के चलते जेलों में पिछले साल मार्च से मुलाकात बंद हैं। बंदियों की सुविधा के लिए जेलों में पीसीओ स्थापित किए गए थे। यह व्यवस्था बंदियों को तनाव से बचाने के लिए की गई है। इससे कि वह मुलाकात नहीं होने की स्थिति में स्वजन से बात कर सकें। जेल में आने पर बंदी अपने परिवार के व्यक्तियों के दो फोन नंबर देते हैं। जेल-प्रशासन द्वारा इन नंबरों पर ही बंदियों की बात कराई जाती है। इन दो नंबरों के बंद होने पर ही बंदी रिश्तेदार या परिवार के किसी सदस्य का नया नंबर दे सकते हैं।जेल प्रशासन द्वारा इन नंबरों को सत्यापित करने के बाद उन पर बंदियों की बात कराई जाती है।
एटा जेल में निरुद्ध बंदी अनिल पांडे ने चार दिसंबर को जेल से डाक्टर संजीव यादव को फोन किया। उन्हें धमकी देकर दस लाख रुपये चौथ मांगी। डाक्टर ने एक सप्ताह पहले जेल से चौथ वसूली का फोन आने की शिकायत की। इससे एटा जेल-प्रशासन में हड़कंप मच गया। एटा में डाक्टर की तहरीर पर चौथ वसूली का मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं डीआइजी जेल अखिलेशन कुमार ने जेलों में पीसीओ से बंदियों की गई प्रत्येक काल का रिकार्ड रखने के निर्देश दिए हैं।बंदियों द्वारा बातचीत के दौरान भी वहां पर एक कर्मचारी रहेगा। इससे कि बंदी क्या बात कर रहा है, इसकी जानकारी रहे।
एटा जेल में बंदियों ने किया था यह खेल
एटा जेल से चौथ मांगने के मामले की विभागीय जांच भी की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डाक्टर को फोन करके चौथ मांगने की साजिश को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।अनिल दुबे नाम के बंदी ने डाक्टर के नंबर को स्वजन का बताते हुए फाेन करने की कहा था। जिस समय अनिल दुबे फोन करने गया, आरोपित अनिल पांडे भी वहां आ गया। उसने आगरा के डाक्टर संजीव यादव को फोन करके दस लाख रुपये चौथ मांगी। योजना इस तरह से बनी थी कि यदि काल की छानबीन की जाएगी तो इसमें अनिल पांडे की जगह अनिल दुबे का नाम आएगा।
डिप्टी जेलर निलंबित, जेलर और अधीक्षक को नोटिस
डीआइजी कारागार अखिलेश कुमार ने बताया कि लापरवारही बरतने पर डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया है। जबकि जेल अधीक्षक और जेलर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।जेलों में बंदियों की सुविधा के लिए स्थापित किए गए पीसीओ पर अब हर काल का रिकार्ड रखा जाएगा।