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Ambedkar University Agra: डिग्री के ब्लैक होल में है विश्वविद्यालय की साख, नहीं निकल पा रहा समाधान

तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं आ रहा सुधार। अब आपत्तियों और रूके आवेदनों की रिपोर्ट होगी तैयार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 03:12 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 03:12 PM (IST)
Ambedkar University Agra: डिग्री के ब्लैक होल में है विश्वविद्यालय की साख, नहीं निकल पा रहा समाधान
Ambedkar University Agra: डिग्री के ब्लैक होल में है विश्वविद्यालय की साख, नहीं निकल पा रहा समाधान

आगरा, जागरण संवाददाता। जैसे अंतरिक्ष में ब्लैक होल होते हैं, जिनके अंदर से कुछ भी वापस लाना मुमकिन ही नहीं है। एेसा ही एक ब्लैक होल डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में भी बन गया है। यह ब्लैक होल है डिग्री की समस्याओं का,तमाम कोशिशों के बावजूद डिग्री समस्या का समाधान इस ब्लैक होल से बाहर नहीं आ रहा है।लॉक डाउन के बाद से विद्यार्थी ज्यादा परेशान हुए हैं। जबकि वर्तमान ने अपनी प्राथमिकताओं में डिग्री समस्या को दूर करना शामिल किया था। लगातार डिग्री समस्या के ब्लैक होल से विश्वविद्यालय की साख को बाहर लाने की कोशिशें की जा रही हैं।

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अ़ॉनलाइन सिस्टम नहीं है सफल

तीन साल पहले शुरू किए गए अॉनलाइन सिस्टम के हाल भी अब खराब हैं। स्थिति ये है कि ऑनलाइन आवेदन करने और फीस देने के बाद भी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।विश्वविद्यालय में आने के बाद उन्हें आवेदन की आपत्तियों के बारे में पता चलता है।हालांकि विश्वविद्यालय द्वारा अॉनलाइन आपत्ति विद्यार्थी को बताने का नियम है, पर एेसा हो नहीं रहा है।

लगातार उठा रहे समाधान को कदम

कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने अपनी प्राथमिकताओं में शामिल डिग्री समस्या को दूर करने के लिए एक शिक्षक को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी। शिक्षक प्रो. अनिल वर्मा ने चार दिन की जांच में पाया कि 2015 से 2019 तक केवल 5013 डिग्रियां ही विद्यार्थियों को प्रेषित की गई हैं, 7,38,747 डिग्रियां प्रेषित होने के लिए तैयार हैं।1998 से 2014 का कोई रिकॉर्ड ही विवि के पास नहीं है।1998 से पहले की डिग्रियां विवि में बनी रखी हैं लेकिन उन्हें प्रेषित नहीं किया गया है और 1998 से 2014 तक का कोई भी रिकॉर्ड विवि के विभागों में नहीं है। कालेजों और आवासीय परिसर के विभागों में पत्र और डिग्रियां भेजी जा रही हैं।

आवेदनों की आपत्तियों की भी बनेगी लिस्ट

दो सालों में विभिन्न विभागों में लगभग 46 हजार डिग्रियों के आवेदन थे, जिनमें से 23500 को प्रेषित किया जा चुका है। 23 हजार के आसपास आवेदन अभी भी विभागों में ही रूके हुए हैं।किस विभाग में कितने आवेदन रूके हुए हैं, किसने सालों से रूके हुए हैं आदि बिंदुओं पर भी अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

राज्यपाल से लगा चुके हैं गुहार

सालों तक डिग्री के लिए चक्कर काटने के बाद दो छात्रों ने राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई है। एक छात्र ने कुलपति के लिए भी वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो अपनी डिग्री मांग रहा है।

डिग्री समस्या को दूर करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। अब आपत्तियों और रूके आवेदनों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

- प्रो. अनिल वर्मा, प्रभारी, डिग्री विभाग 


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