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आगरा के फुटवियर निर्यातकों ने केंद्रीय वित्‍त राज्‍यमंत्री से कहा, यह नए कर लगाने का उचित समय नहीं

एफमेक के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से की मुलाकात। ड्यूटी ड्रा-बैक के रूप में मिल सकता है समाधान सभी को छूट संभव नहीं। निर्यातकों ने की मांग सरकार निर्यातकों को ड्यूटी ड्रा-बैक के रूप में या फिर कर को कम कर राहत दे सकती है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 12:52 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 12:52 PM (IST)
आगरा के फुटवियर निर्यातकों ने केंद्रीय वित्‍त राज्‍यमंत्री से कहा, यह नए कर लगाने का उचित समय नहीं
केंद्रीय वित्‍त राज्‍यमंत्री अनुराग ठाकुर को प्रत्‍यावेदन सौंपते एफमेक के अध्‍यक्ष पूरन डावर व अन्‍य।

आगरा, जागरण संवाददाता। कच्चे चमड़े के आयात पर लगाए गए 10 फीसद कर को वापस लेने की मांग को काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री से मुलाकात की। उन्हें अवगत कराया कि नए कर लगाने का यह सही समय नहीं है। इससे सरकार को फायदा नहीं, नुकसान अधिक होगा। कास्ट बढ़ाने से ग्लोबल मार्केट में गलत संदेश जाएगा। हालांकि, कच्चे चमड़े के आयात पर लगाए गए कर को हटाने की संभावना कम नजर आ रही है। सरकार निर्यातकों को ड्यूटी ड्रा-बैक के रूप में या फिर कर को कम कर राहत दे सकती है।

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वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में कच्चे चमड़े के आयात पर 10 फीसद कर लगाया गया है। इसके साथ ही इंपोर्ट लाइसेंस स्कीम रद कर दी गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित जूता निर्यातकों के समक्ष इससे दोहरा संकट खड़ा हो गया हैै।

बुधवार को सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल के नेतृत्व में दिल्ली गए जूता निर्यातकों ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। उन्हें बताया कि ग्लोबल मार्केट में पहले से ही रेट दिए हुए हैं। निर्यात किए जाने वाले जूते की लागत में 50 फीसद लागत चमड़े की होती है। 10 फीसद आयात कर लगने से लागत बढ़ जाएगी। अगर ग्लोबल मार्केट में अब रेट बदलेंगे तो भारत में अनिश्चितता की स्थिति का संदेश जाएगा। यह सही समय नहीं है कि नए कर लगाए जाएं। इससे चीन से उत्पादन समेटकर भारत का रुख करने वाली कंपनियां सोच-विचार करने पर मजबूर होंगी।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने जूता निर्यातकों की समस्या से वित्त मंत्री को अवगत कराया और उनकी बैठक राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे के साथ कराई। बैठक में यह बात सामने आई कि कर को एकदम तो वापस नहीं लिया जा सकता है। निर्यातकों के समक्ष ग्लोबल मार्केट की समस्याओं को देखते हुए उन्हें तो छूट दी जा सकती है, लेकिन सभी को छूट देना संभव नहीं है। ड्यूटी ड्रा-बैक या निर्यातकों के लिए कर को कम किया जा सकता है। राजस्व सचिव के साथ बैठक के बाद जूता निर्यातक अभी दिल्ली में ही रुके हुए हैं। वो केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें राजस्व सचिव के साथ हुई बैठक की जानकारी देंगे। सीएलई के चेयरमैन अकील अहमद, वाइस चेयरमैन संजय लेखा, रीजनल चेयरमैन पूरन डावर, जूता निर्यातक गोपाल गुप्ता और रूबी सहगल प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। 


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