ताजमहल की सुंदरता पर मोहित हुए अफगानी राजनयिक, रविवार सुबह साप्ताहिक बंदी में खुला स्मारक
शनिवार को आगरा आया था अफगानिस्तान के हाई लेवल राजनयिकाें का दल। दल में शामिल हैं 25 प्रशिक्षु राजनयिक। शनिवार को देखे थे फतेहपुर सीकरी के स्मारक। रविवार सुबह ताजमहल और आगरा किला का किया दीदार। साप्ताहिक बंदी में खुले स्मारक।
आगरा, जागरण संवाददाता। अफगानिस्तान के हाई लेवल राजनयिकों ने रविवार को दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल का दीदार किया। शहंशाह शाहजहां और मुमताज की रुहानी मोहब्बत की दास्तां सुनाते ताजमहल के सौंदर्य के आगोश में वो बंधे नजर आए। करीब एक घंटे तक उन्होंने जी भरकर स्मारक निहारा। इसके बाद उन्होंने आगरा किला का रुख किया।
अफगानिस्तान के हाई लेवल राजनयिकों का 25 सदस्यीय दल शनिवार दोपहर आगरा आया था। शनिवार तीसरे पहर उन्होंने मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी स्थित स्मारकों का दीदार किया था। शाम को ही दल वापस आगरा आ गया था। रविवार सुबह 7:35 बजे दल ताजमहल पहुंचा। सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद आरके सिंह ने दल की अगवानी की। फोरकोर्ट परिसर से ही नजर आते ताजमहल को देखकर दल के सदस्य उसकी सुंदरता पर मुग्ध हो उठे। वीडियो प्लेटफार्म, सेंट्रल टैंक और मुख्य मकबरे पर उन्हाेंने फोटोग्राफी कराई। स्मारक की विजिट में उन्हें करीब एक घंटे का समय लगा। गाइड नितिन सिंह ने उन्हें स्मारक की वास्तुकला, पच्चीकारी, मुगल इतिहास, शहंशाह शाहजहां और मुमताज के बारे में जानकारी दी। राजनयिकों का दल सुबह 8:45 बजे तक ताजमहल में रहा। उनकी विजिट के लिए साप्ताहिक बंदी के बावजूद स्मारक खोला गया था। पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा। ताजमहल देखने के बाद दल होटल गया और वहां ब्रेकफास्ट करने के बाद आगरा किला का रुख किया। उन्होंने आगरा किला स्थित स्मारकों का भी अवलोकन किया। ताजमहल में प्रिंस वाजपेयी, राजकुमार कपूर आैर आगरा किला में गुलाबचंद दीक्षित आदि दल के साथ रहे। दल आगरा किला का भ्रमण करने के बाद होटल कोर्टयार्ड बाइ मैरियट में लंच करने के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे हाेते हुए दिल्ली लौट जाएगा।