Case Against Kangana: कंगना रनौत पर मुकदमे को प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अधिवक्ता ने लिया वापस
Case Against Kangana अधिवक्ता ने कहा साक्ष्य जुटाकर दोबारा प्रस्तुत करेंगे प्रार्थना पत्र। अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने अभिनेत्री के ट्वीट को बनाया राजद्रोह के मुकदमे का आधार। अभिनेत्री के ट्वीट को संविधान में उनकी आस्था न होने और जाति विशेष की भावनाओं को भड़काने वाला माना था।
आगरा, जागरण संवाददाता। अभिनेत्री कंगना रनौत पर मुकदमा दर्ज करने को प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अधिवक्ता ने वापस ले लिया है। अभिनेत्री के खिलाफ राजद्राेह का मुकदमा दर्ज कराने के लिए आगरा के अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। मामले में सीजेएम कोर्ट छह अक्टूबर को सुनवाई थी।
जगदीशपुरा के भीम नगर निवासी अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने कंगना रनौत के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। अधिवक्ता ने बताया कि 27 अगस्त 2020 को उन्हें अभिनेत्री द्वारा अपने आधिकारिक ट्वविटर एकाउंट से किए ट्वीट के बारे में सोशल मीडिया से जानकारी मिली। अभिनेत्री ने ट्वीट में कहा कि आधुनिक भारतीयों ने जाति व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया है। छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि यह कि कानून के तहत यह स्वीकार नहीं है, और फिर कुछ लोगों को खुश करने के लिए यह शर्मनाक तरीका है, सिर्फ हमारे संविधान में आरक्षण के रूप में इसको बरकरार रखा है।
अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने अभिनेत्री के ट्वीट को संविधान में उनकी आस्था न होने और जाति विशेष की भावनाओं को भड़काने वाला माना था। अधिवक्ता ने कंगना रनौत के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने के लिए सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। सीजेएम कोर्ट ने छह अक्टूबर को थाना न्यू आगरा से प्रार्थना पत्र पर अग्रिम कार्यवाही के लिए आख्या तलब की थी।
अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने मंगलवार को बताया अभिनेत्री पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने को अदालत में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र उन्होंने वापस ले लिया है। वह मामले में और मजबूत साक्ष्य जुटाकर दोबारा प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करेंगे।