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Operation to Release Lawyer: भगवान टॉकीज से उठाया था अपहर्ताओं ने, पूछताछ में खुलीं ये परतें Agra News

महिला समेत छह को पुलिस ने किया गिरफ्तारदो हुए फरार। एडीजी ने पत्रकार वार्ता कर किया अपहरणकांड का पर्दाफाश।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 04:15 PM (IST)
Operation to Release Lawyer: भगवान टॉकीज से उठाया था अपहर्ताओं ने, पूछताछ में खुलीं ये परतें Agra News
Operation to Release Lawyer: भगवान टॉकीज से उठाया था अपहर्ताओं ने, पूछताछ में खुलीं ये परतें Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। फीरोजाबाद के अधिवक्ता अकरम अंसारी का अपहरण राजस्थान के गुर्जर गैंग ने बीच शहर से किया था। चेहरा और कपड़े देखकर बदमाशों ने उन्हें भगवान टॉकीज से बोलेरो में बैठाया। इसके बाद आंखों पर पट्टी बांध सीट के नीचे डालकर राजस्थान ले गए। पेशेवर अंदाज में वे अधिवक्ता के स्वजनों से फिरौती मांग रहे थे। स्वजनों के फिरौती देने के बाद पुलिस ने गैंग के सरगना और एक महिला समेत छह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एडीजी अजय आनंद ने मंगलवार को पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता कर इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया।

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फीरोजाबाद के मुहल्ला राजपूताना निवासी अकरम अंसारी तीन जनवरी को आगरा से अपहरण हुआ था। उनकी बरामदगी को लेकर अधिवक्ता आंदोलन कर रहे थे। लखनऊ तक से मामले की मॉनीटरिंग हो रही थी। सोमवार रात को बदमाशों को दबोचने के बाद एडीजी अजय आनंद ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता की। इसमें आइजी ए सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। एडीजी ने बताया कि अकरम तीन फरवरी को अपने रिश्तेदार की बेटी को देखने श्रीराम हॉस्पिटल आए थे। यहां से वे बोदला में अपने साढू़ फैज अंसारी के यहां पहुंचे। शाम को साढ़े छह बजे फैज उन्हें बाइक से कारगिल चौराहे पर छोड़ गए। सिकंदरा से वे ऑटो में बैठकर आइएसबीटी पहुंच गए। वहां से कोई बस नहीं मिली तो वे ऑटो में बैठकर भगवान टॉकीज पहुंच गए। यहां शाम 7.20 बजे वे वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी एक सफेद रंग की बोलेरो उनके पास रुकी। इसमें चार लोग सवार थे। फीरोजाबाद ले चलने के बहाने बदमाशों ने अकरम को बोलेरो में बैठा लिया। इसके बाद वे अकरम से उनकी जाति और धर्म पूछने लगे। इससे अकरम डर गए। उन्होंने कहा कि गाड़ी में और सवारी बैठा लो। मगर, बदमाशों ने मना कर दिया। उनकी हरकतों से अकरम का शक बढ़ गया। मगर, वे अब कुछ कर पाने में असहाय थे। एक बदमाश ने अकरम को सीट के नीचे पटककर उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी। इसके बाद अकरम को कुछ नहीं पता। बदमाश उनसे रास्ते में ही खेत और प्रॉपर्टी के बारे में पूछते गए। उन्होंने बताया कि खेत बिल्कुल नहीं है। पिता के नाम केवल एक मकान है। मगर, बदमाश मानने को तैयार नहीं थे। वे उन्हें बाड़ी कस्बे में ले गए। वहां एक घर में अकरम को बंधक बनाकर रखा। बदमाशों ने पांच फरवरी को भाई असलम के मोबाइल पर कॉल करके 55 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस की टीमें बदमाशों के पीछे लगी थी। अधिवक्ता के स्वजनों ने रविवार को जगनेर के पास बीहड़ में 11.50 लाख फिरौती दे दी। इसके बाद पुलिस की टीम को बदमाशों का सुराग मिल गया। सोमवार को पुलिस बदमाशों के ठिकाने पर पहुंच गई। वहां से अपहृत को मुक्त कराने के साथ ही एक महिला समेत छह बदमाशों को भी दबोच लिया। इनमें सरगना धौलपुर के बिहारी का पुरा निवासी सुरेंद्र गुर्जर है। उसके साथी बाड़ी निवासी उग्रसेन, उसकी पत्नी उर्मिला, कंचनपुरा निवासी लाखन गुर्जर, जमूहरा निवासी राकेश और उसका भाई मुकेश भी गिरफ्तार हुए हैं। बाड़ी के जमूहरा निवासी समुद्र और रेखा छत से कूदकर फरार हो गए।

पेशेवर हैं बदमाश, पहले भी वसूल चुके हैं फिरौती

सुरेंद्र गुर्जर पूर्व में राजस्थान के केशव और हनुमंत गैंग में काम कर चुका है। उसके साथ अपराध में उग्रसेन और लाखन भी रहा है। तीनों पेशेवर हैं। मध्यप्रदेश और आगरा में पूर्व में अपहरण कर फिरौती वसूल चुके हैं। पहले सदर क्षेत्र से एक धौलपुर के दंत चिकित्सक का अपहरण कर 25 लाख की फिरौती वसूली थी। उस समय सुरेंद्र हनुमंत के गैंग में काम करता था। अब उसने अपहरण को अपना अलग गैंग बना लिया है।

चार बार की फिरौती को कॉल, हर बार बदली लोकेशन

बदमाशों ने चार बार फिरौती को कॉल की। पहली कॉल पांच फरवरी को रूपवास से की थी। इसके लिए सिम फर्जी आइडी पर खेरागढ़ से खरीदी थी। पुलिस दुकानदार को जेल भेज चुकी है। दूसरी कॉल आठ फरवरी को खेरागढ़ से की। इसमें फिरौती की रकम 55 लाख ही बोल रहे थे। पुलिस खेरागढ़ में सुराग ढूंढऩे में लगी थी। तब तक 12 फरवरी और 15 फरवरी को बदमाशों ने कॉल बाड़ी से ही की। इसमें फिरौती की रकम कम करके 15 लाख तक आ गए थे। कॉल करने के लिए शातिरों ने हर बार नया नंबर लिया।

राजपूताना मुहल्‍ले में जश्‍न का माहौल

आगरा से अपहृत अधिवक्ता मुहम्मद अकरम अंसारी राजपूताना मुहल्‍ला, फीरोजाबाद स्थित अपने निवास पर जब पहुंचे तो अपनी मां के गले लगकर रो पड़े। उनके घर पहुंचने के साथ ही पूरे मुहल्‍ले में जश्‍न का माहौल हो गया। मुहल्‍ले वाले मिठाइयां बांट रहे हैं।  


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