Illegal Encroachment: आगरा में अवैध कब्जा हटाने पर अब हर्जाना वसूलेगा प्रशासन
आगरा जिला प्रशासन अब नगर निगम और एडीए की तर्ज पर करेगा काम। नजूल भूमि और राजकीय आस्थान की जमीन पर हो चुका है कब्जा। सर्वप्रथम नोटिस जारी किया जाएगा। बकाया धनराशि जमा न करने पर कुर्की से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। नजूल भूमि हो या फिर राजकीय आस्थान की जमीन अगर जिला प्रशासन। इन दोनों जमीन से किसी भी तरीके का अवैध निर्माण हटाता है तो अब इसका हर्जाना अतिक्रमणकर्ता से वसूला जाएगा। यह पहला मौका है, जब जिला प्रशासन एडीए और नगर निगम की तर्ज पर हर्जाना वसूलेगा। इसकी गाइडलाइन तैयार की जा रही है। सर्वप्रथम नोटिस जारी किया जाएगा। बकाया धनराशि जमा न करने पर कुर्की से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
शहर के कई क्षेत्रों में नजूल भूमि और राजकीय आस्थान की जमीन पर कब्जा हो चुका है। जिला प्रशासन को हर दिन तीन से लेकर पांच तक शिकायतें मिलती हैं। ऐसी शिकायतों की जांच के बाद कब्जे की पुष्टि होने पर आवश्यक कार्यवाही के आदेश दिए जाते हैं। एडीएम प्रोटोकॉल और नजूल प्रभारी पुष्पराज सिंह ने बताया कि अवैध निर्माण को हटाने में सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया जाता है। अवैध निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किए जाते हैं, जिससे वह खुद ही अपने निर्माण हटा लेंं या फिर ध्वस्त कर देंं। लेकिन अधिकांश मामलों में ना तो निर्माण हटाया जाता है और ना ही ध्वस्त किया जाता है। इसके चलते जिला प्रशासन को अवैध निर्माण को तोड़ना पड़ता है। नगर निगम और एडीए में नोटिस जारी करने के दौरान हर्जाना वसूलने का जिक्र किया जाता है। ठीक उसी पैटर्न पर अब जिला प्रशासन ने हर्जाना वसूलेगा। कलेक्ट्रेट से लेकर जिस संबंधित स्थल तक वाहन जाएंगे आने जाने का पूरा खर्चा, जो भी फोर्स लगा है उसका खर्चा, अवैध निर्माणकर्ता से वसूला जाएगा। प्रति किलोमीटर कितने रुपए का चार्ज होगा। जल्द ही इसका पूरा चार्ट जारी कर दिया जाएगा।
अवैध निर्माण पर सख्त है प्रदेश सरकार
प्रदेश सरकार अवैध निर्माण को लेकर सख्ती बरत रही है। सरकारी जमीनों पर जो भी कब्जे हुए हैं। उन्हें हटाने पर जोर दिया है। साथ ही नए कब्जे ना हो इसका ध्यान रखने के लिए कहा गया है।